प्रोफेशनलिज्म और प्रतिबद्धता ही RBI की पहचान- 90वें स्थापना दिवस के मौके पर बोले PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र फायदे में आ गया है और पिछले दशक में उनकी सरकार और आरबीआई द्वारा किए गए प्रयासों के कारण ऋण वृद्धि बढ़ रही है.

प्रोफेशनलिज्म और प्रतिबद्धता ही RBI की पहचान- 90वें स्थापना दिवस के मौके पर बोले PM मोदी

नई दिल्ली:

आरबीआई (RBI) के 90वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि आज पूरी दुनिया में आरबीआई की पहचान उसके प्रोफेशनलिज्म और प्रतिबद्धता की वजह से बनी है. इस समय जो लोग आरबीआई से जुड़े हैं, उन्हें मैं बहुत सौभाग्यशाली मानता हूं. आज आप जो नीतियां बनाएंगे, जो काम करेंगे उनसे आरबीआई के अगले दशक की दिशा तय होगी. ये दशक इस संस्थान को उसके शताब्दी वर्ष तक ले जाने वाला दशक है और ये दशक विकसित भारत की संकल्प यात्रा के लिए भी उतना ही अहम ​है. RBI को तेज़ ग्रोथ के साथ ट्रस्ट और स्टेबिलिटी पर भी फोकस करना है. 

‘ट्विन बैलेंस शीट'की समस्या खत्म हो गयी है: PM
पीएम मोदी ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र फायदे में आ गया है और पिछले दशक में उनकी सरकार और आरबीआई द्वारा किए गए प्रयासों के कारण ऋण वृद्धि बढ़ रही है.  उन्होंने आगे कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए), जो 2018 में लगभग 11.25 प्रतिशत थीं, सितंबर, 2023 तक घटकर तीन प्रतिशत से कम पर आ गईं.  मोदी ने कहा कि ‘ट्विन बैलेंस शीट' (बैंकों और कंपनियों के बही-खाते के स्तर पर समस्या) की समस्या अब अतीत की बात हो गई है और बैंक अब ऋण में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर रहे हैं.  प्रधानमंत्री ने कहा कि आरबीआई ने इन सभी उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 

आरबीआई ने अपनी जिम्मेदारी को निभाया है: वित्त मंत्री
वित्तमंत्री ने कहा कि अप्रैल, 1935 में स्थापित होने के बाद पिछले नौ दशक के दौरान आरबीआई ने आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद भारत के निर्माण, अर्थव्यवस्था को सही दिशा देने और फाइनेंसियल सेक्टर को मज़बूती और स्थिरता देने में अहम योगदान दिया है. चाहे वो इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकिंग कोड हो, दिवालियापन से जूझ रहे निजी बैंक हों, महंगाई से निपटने के लिए एक फ्लेक्सिबल रणनीति अख्तियार करना हो या डिजिटल इकॉनमी का विस्तार, सेंट्रल बैंक ने अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाया है.  

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या कहा?
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न वैश्विक उथल-पुथल ने भारत सहित हर अर्थव्यवस्था की ताकत को जांचा है. आरबीआई के द्वारा अपनाई गयी समायोजित मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों ने हमारी अर्थव्यवस्था को इन झटकों से बचाने में काफी मदद की और हमें उभरने में मदद की है. आरबीआई स्थिरता और लचीलेपन और हमारे नागरिकों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में उभरा है. यह टीम आरबीआई द्वारा किए गए योगदान के कारण संभव हुआ है. 

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