पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को देश में कोविड वैक्सीनेशन नीति (Free Covid Vaccine) में बदलाव का ऐलान किया. पीएम ने कहा, 21 जून (विश्व योग दिवस) के बाद से 18 वर्ष से उम्र के सभी नागरिकों के लिए भारत सरकार, राज्यों को टीका (Corona Vaccination Policy) मुहैया कराएगी. वैक्सीन का 75 हिस्सा केंद्र सरकार खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त मुहैया कराएगी. अपने संबोधन में पीएम ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा. हर गरीब को तय मात्रा में नवंबर तक मुफ्त अनाज मिलेगा. दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने वैक्सीनेशन नीति को लेकर लगातार केंद्र पर निशाना साधा था.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है. दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत भी इस 'लड़ाई' के दौरान बड़ी पीड़ा से गुजरा है, हममें से कई ने इस जंग में अपने परिजनों-परिचितों को खोया है, ऐसे परिवारों के साथ हमारी पूरी संवेदना है. पीएम ने सोमवार को देश के नाम संबोधन में कहा कि बीते 100 सालों में आई यह सबसे बड़ी महामारी है. ऐसी महामारी विश्व ने इससे पहले न देखी थी और न अनुभव की थी. ऐसे महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है.
पीएम ने यह भी कहा कि 21 जून (विश्व योग दिवस) के बाद से 18 वर्ष से उम्र के सभी नागरिकों के लिए भारत सरकार, राज्यों को वैक्सीन मुहैया कराएगी. वैक्सीन का 75 हिस्सा केंद्र सरकार खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त मुहैया कराएगी. अपने संबोधन में पीएम ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा. हर गरीब को तय मात्रा में नवंबर तक मुफ्त अनाज मिलेगा.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अब तक देश के करोड़ों लोगों को मुफ्त वैक्सीन मिली है. अब 18 वर्ष की आयु के लोग भी इसमें जुड़ जाएंगे. सभी देशवासियों के लिए भारत सरकार ही मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी.
पीएम के राष्ट्र के नाम संबोधन की खास बातें...
-कोविड से लड़ने के लिए बीते सवा साल में देश में एक नया हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है.
-दूसरी लहर के दौरान अप्रैल-मई में ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी. देश में इससे पहले] कभी इतनी बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई.
-स्वास्थ्य सुविधाओं को जुटाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास हुए. ऑक्सीजन एक्सप्रेस चली. ऑक्सीजन के उत्पादन को 10 गुना तक बढ़ाया गया.
- मुश्किल के इस समय में आवाजें उठने लगी थी कि भारत कैसी इतनी बड़ी आबादी को आपदा से बचा पाएगा.लेकिन साथियों जब नीति साफ हो और नीयत अच्छी हो तो परिणाम मिलते हैं.
-आज देश में 23 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. हमारे प्रयासों में सफलता तब मिलती है जब हमें स्वयं पर विश्वास होता है.
-हमें विश्वास था कि हमारे वैज्ञानिक बेहद कम समय में वैक्सीन तैयार कर साल में दो मेड इन वैक्सीन मिले
-हमारी तैयारी जैसी हैं उससे टीकाकरण को और गति मिलने वाली है. टीके की सप्लाई बढ़ने वाली है. सात वैक्सीन कंपनियां काम कर रही हैं, तीन और आने वाली हैं.
-;हमारी तैयारी जैसी हैं उससे टीकाकरण को और गति मिलने वाली है. टीके की सप्लाई बढ़ने वाली है. सात वैक्सीन कंपनियां काम कर रही हैं, तीन और आने वाली हैं.
-हमने अपने हैल्थ वर्कस और फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले वैक्सीन लगाने का फैसला किया क्योंकि ज्यादा जोखिम सामना करते हैं. कल्पना करिए कि दूसरी लहर के पहले वैक्सीन न लगती तो क्या होता. हमने चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण शुरू किया और पहले वारियर्स को टीका लगाया फिर बुजुर्गो को.
-बच्चों के लिए भी दो वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं. नेजल वैक्सीन पर काम चल रहा है जो नाक से दी जाएगी. यह सबसे अपने आप में उपलब्धि है लेकिन इसकी सीमाएं हैं. वैक्सीन बनने के बाद बहुत कम खासकर विकसित देशों में ही ट्रायल शुरू हो पाया.
-हमने अपने हैल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले वैक्सीन लगाने का फैसला किया क्योंकि ज्यादा जोखिम सामना करते हैं. कल्पना करिए कि दूसरी लहर के पहले वैक्सीन न लगती तो क्या होता. हमने चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण शुरू किया और पहले वारियर्स को टीका लगाया फिर बुजुर्गो को.
-इस साल 16 जनवरी से 21 अप्रैल तक टीकाकरण केंद्र सरकार के अधीन ही चल रहा था. इस बीच कई राज्य सरकारों ने कहा कि वैक्सीन का काम विकेंद्रीकृत किया जाए और राज्यों पर छोड़ दिया जाए. यह कहा गया कि वैक्सीन के लिए एज ग्रुप क्यों बनाए गए और टीकाकरण के लिए उम्र केंद्र ही क्यों तय किया. मीडिया के वर्ग ने इसे कैंपेन के तहत भी चलाया.
राज्यों की मांग को देखते हुए 16 जनवरी से चली आ रही व्यवस्था में प्रयोग के तौर पर बदलाव किया गया. सोचा 25 फीसदी का काम राज्यों को सौंप दिया गया, यह काम 1 मई से राज्यों को सौंप दिया गया.
-इसके लिए राज्यों ने प्रयास भी किए और साथ भी यह अनुभव भी किया कि इस दिशा में कितनी परेशानियां आती हैं. मई में दो सप्ताह बीतते बीतते कई राज्य यह कहने लगे कि पहले वाली व्यवस्था ही सही थी.
.21 जून (विश्व योग दिवस)के बाद से 18 वर्ष से उम्र के सभी नागरिकों के लिए भारत सरकार, राज्यों को वैक्सीन मुहैया कराएगी. वैक्सीन का 75 हिस्सा केंद्र सरकार खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त मुहैया कराएगी.
-देश में बन रही वैक्सीन में से 25 प्रतिशत, प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी. प्राइवेट अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे. इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा.
-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा. हर गरीब को तय मात्रा में नवंबर तक मुफ्त अनाज मिलेगा.
-हमें सावधान भी रहना है और कोरोना से अपना बचाव भी करना है. हमें उम्मीद है कि देश इस लड़ाई में जीतेगा. बहुत-बहुत धन्यवाद.
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