
लोगों का हुजूम, भीड़ इतनी कि मानो ट्रक खो गया. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे से आई ये तस्वीरें बहुत कुछ कहती है. दशकों तक वाम का शासन देखने के बाद बंगाल में आंदोलन से उपजी ममता बनर्जी की सरकार आई. कई सालों से यहां टीएमसी की सरकार है. लेकिन अब बंगाल की जमीन कमल खिलाने के लिए उपजाऊ नजर आ रही है. गुरुवार को पीएम मोदी की रैली के दौरान जुटी लोगों की भारी भीड़ ने इसी बात की तस्दीक कराई है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि राज्य हिंसा, भ्रष्टाचार और अराजकता से ग्रस्त है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ‘निर्मम सरकार' से छुटकारा पाने के लिए बदलाव चाहती है.
मुर्शिदाबाद और मालदा में हाल की सांप्रदायिक हिंसा के लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि आरोप यह है कि कानून तोड़ने वालों को ‘‘तुष्टिकरण'' की आड़ में बेरोकटोक काम करने की अनुमति दी गई जबकि पुलिस कार्रवाई करने में विफल रहने पर असहाय होकर खड़ी रही.

उन्होंने कहा, ‘‘मुर्शिदाबाद और मालदा में जो हुआ, उसे देखिए - सरकार की क्रूरता के स्पष्ट उदाहरण. तुष्टिकरण के नाम पर अराजकता को पनपने दिया गया. जरा भयावहता की कल्पना कीजिए: सत्ताधारी पार्टी के सदस्य घरों को चिह्नित करके उनमें आग लगा देते हैं, जबकि पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है और कुछ नहीं करती.''
मोदी ने कहा, ‘‘मैं बंगाल के गरीब लोगों से पूछना चाहता हूं - क्या सरकार को इसी तरह काम करना चाहिए? यहां लगभग हर मामले में अदालतों को हस्तक्षेप करना पड़ता है अन्यथा कोई भी मामला सुलझ नहीं पाता. लोगों का टीएमसी की सरकार से भरोसा उठ गया है. पूरा बंगाल कह रहा है: ‘बंगाल में मची चीख-पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार'.''
विवादास्पद वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर अप्रैल में हुए प्रदर्शनों के बाद शमशेरगंज, सुती और धुलियान समेत मुर्शिदाबाद के कुछ हिस्सों में हिंसक झड़पें होने के बाद से मोदी की राज्य की यह पहली यात्रा है. सांप्रदायिक दंगों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गये थे.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य में पहला संकट व्यापक हिंसा और अराजकता है जो समाज के ताने-बाने को नष्ट कर रहा है. दूसरा, माताओं और बहनों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है, जो उनके खिलाफ किए गए भयानक अपराधों से और अधिक हो गई है.''
मोदी ने कहा कि बंगाल में तीसरा संकट बढ़ती बेरोजगारी और अवसरों की कमी से युवाओं में बढ़ती निराशा है जबकि चौथा संकट ‘‘व्यापक भ्रष्टाचार'' है जो व्यवस्था में जनता के विश्वास को खत्म कर रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘पांचवां संकट सत्तारूढ़ पार्टी की स्वार्थपूर्ण राजनीति से उपजा है, जिससे गरीबों को उनका वाजिब हक नहीं मिल पा रहा है. मुर्शिदाबाद और मालदा की घटनाएं तृणमूल कांग्रेस सरकार की क्रूरता और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में उसकी विफलता के स्पष्ट उदाहरण हैं.''
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर निशाना साधते हुए मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के माध्यम से ‘‘हजारों शिक्षकों और उनके परिवारों का भविष्य बर्बाद करने'' का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ कुछ हजार शिक्षकों की बर्बादी नहीं है, बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था बिगड़ रही है. अब भी तृणमूल कांग्रेस अपनी गलतियों को स्वीकार करने से इनकार कर रही है. इसके बजाय वे अदालतों और न्यायिक प्रणाली को दोष दे रहे हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘टीएमसी के घोटालेबाजों ने गरीब परिवारों के सैकड़ों बेटे-बेटियों को अंधकार में धकेल दिया है.'' उन्होंने दावा किया कि बंगाल के युवा, गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार ‘‘सत्तारूढ़ पार्टी के भ्रष्टाचार का खामियाजा भुगत रहे हैं''.
मोदी ने हाल में नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल सरकार की अनुपस्थिति को लेकर भी निराशा व्यक्त की.
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बंगाल सरकार ने इतनी महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा नहीं लिया. यह विकास के प्रति उसकी गंभीरता की कमी को दर्शाता है और वे राजनीति में शामिल होने में अधिक रुचि रखते हैं.''
उन्होंने राज्य सरकार पर केंद्रीय विकास योजनाओं में बाधा डालने का आरोप लगाया और दावा किया कि पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत स्वीकृत 4,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों में से अब तक 400 किलोमीटर से भी कम का निर्माण किया गया है.
अलीपुरद्वार क्षेत्र की आदिवासी आबादी तक मजबूत पहुंच बनाते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार स्थानीय लोगों के समुदायों के प्रति घृणा रखती है.
उन्होंने दावा किया, ‘‘यहां तक कि आदिवासी समुदायों के प्रति भी उनकी नफरत कम नहीं है. पश्चिम बंगाल में आदिवासी आबादी काफी है, फिर भी उनके कल्याण को नजरअंदाज किया जा रहा है. आदिवासी परिवारों के उत्थान के लिए केंद्र सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आवास और आजीविका पर ध्यान केंद्रित करते हुए पीएम-जनमन योजना शुरू की. लेकिन दुख की बात है कि टीएमसी सरकार ने राज्य में इस योजना को लागू नहीं किया है.''
मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के रूप में नामित किए जाने को लेकर टीएमसी के विरोध का भी जिक्र किया.
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