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राज्य से राष्ट्र का विकास, संविधान का सम्मान, महिलाओं का नेतृत्व... PM मोदी ने सदन में रखे 11 संकल्‍प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने संबोधन के दौरान सदन के समक्ष 11 संकल्‍प रखे. इसमें पीएम मोदी ने भ्रष्‍टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस, गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और देश को परिवारवाद से मुक्ति जैसे संकल्‍प हैं. 

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और आपातकाल के लिए उसकी जमकर आलोचना की. ‘संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा' पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान सदन के समक्ष 11 संकल्‍प भी रखे. इसमें पीएम मोदी ने भ्रष्‍टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस, गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और देश को परिवारवाद से मुक्ति जैसे संकल्‍प हैं. 

पीएम मोदी ने "भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा" पर सदन में दो दिन की चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "देश के भविष्य के लिए संविधान की भावना से प्रेरित होकर मैं आज इस सदन के समक्ष 11 संकल्प प्रस्तुत करना चाहता हूं. यदि प्रत्येक भारतीय अपने मूल कर्तव्यों का पालन करे तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने से नहीं रोका जा सकता."

PM मोदी ने सदन के समक्ष रखे ये 11 संकल्‍प 

  1. नागरिक हो या सरकार, सभी अपने कर्तव्यों का पालन करे. 
  2. हर क्षेत्र और हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ और सबका विकास हो.
  3. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो. 
  4. देश के कानून-नियम के पालन में नागरिकों को गर्व होना चाहिए.
  5. गुलामी की मानसिकता से मुक्त हो और देश की विरासत पर गर्व हो. 
  6. देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले. 
  7. संविधान का सम्मान और राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए.
  8. संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिन्‍हें आरक्षण मिला है, उसे न छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की कोशिश पर रोक लगे.
  9. महिलाओं के नेतृत्‍व में विकास में भारत दुनिया में मिसाल बने.
  10. राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास, यह हमारा विकास मंत्र हो.
  11. एक भारत, श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो.

सबका साथ, सबका विकास आस्‍था का विषय : PM मोदी 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' हमारे लिए सिर्फ नारा नहीं है, यह हमारे लिए आस्था का विषय है. आने वाले दशकों में हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि हमें लोकतंत्र को किस दिशा में ले जाना चाहिए. हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या परिवार-आधारित राजनीति से हमारे लोकतंत्र को कोई नुकसान पहुंचा है, क्या हमें इसे सुधारने की दिशा में काम नहीं करना चाहिए?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजनीति में ऐसे युवाओं को लाने की जरूरत है, जिनकी कोई पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं है. सभी राजनीतिक दलों को बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले नए लोगों को पार्टी में लाने के लिए काम करना चाहिए. 

परिवारवाद को लेकर PM मोदी ने कांग्रेस को घेरा 

इससे पहले पीएम मोदी ने भारतीय संविधान की 75 साल की यात्रा को ‘असाधारण' करार दिया और विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस दौरान 55 साल ‘एक ही परिवार' ने राज किया, जिसने देश का संविधान छिन्न-भिन्न करते हुए आपातकाल लगाया, अदालत के ‘पंख' काट दिए और संसद का ‘गला घोंटने' तक का काम किया. 

साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता हमेशा संविधान के साथ खड़ी रही, वहीं कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान की भावना को चोट पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. 

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