उन्होंने कहा, ‘‘विभाजन में हमारे पंजाब के लोगों ने, देश के लोगों ने जो बलिदान दिया, उसकी स्मृति में देश ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की शुरुआत की है. विभाजन के शिकार हिंदू-सिख परिवारों के लिए हमने सीएए कानून बनाकर उन्हें नागरिकता देने का एक मार्ग बनाने का प्रयास किया है.''
उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी को पता है कि मैंने कार्यकर्ता के तौर पर लंबा समय पंजाब में बिताया. उस दौरान कई बार हरमंदिर साहब पर मत्था ठेकने का मौका मिला.''
मोदी का कहना था, ‘‘हमें गुरु गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व को मनाने का सौभाग्य मिला. हमें गुरु तेग बहादुर जी के 400वां प्रकाश पर्व को मनाने का सौभाग्य मिला. तीन वर्ष पहले हमने गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश उत्सव भी पूरे उल्लास से देश और विदेश में मनाया.''
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ समय पहले अफगानिस्तान में किस तरह हालात बिगड़े थे. वहां हिंदू-सिख परिवारों को वापस लाने के लिए हमने अभियान चलाया. गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को भी हम सुरक्षित लेकर आए.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो मार्गदर्शन देश को सदियों पहले गुरुवाणी से मिला था, वो आज हमारे लिए परंपरा भी है, आस्था भी है, और विकसित भारत का विजन भी है.''
उनके अनुसार, ‘‘ प्रकाश पर्व का जो बोध सिख परंपरा का रहा है, जो महत्व रहा है आज देश भी उसी तन्मयता से कर्तव्य और सेवा परंपरा को आगे बढ़ा रहा है. ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे लगातार इन अलौकिक आयोजनों का हिस्सा बनने का, सेवा में सहभागी होने का अवसर मिलता रहा है.''
उन्होंने कहा कि हर प्रकाश पर्व का प्रकाश देश के लिए प्रेरणापुंज का काम कर रहा है.
मोदी ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास रहा है कि हम सिख परंपराओं और सिख विरासत को सशक्त करें.''
ये भी पढ़ेंः
* ऐसी राजनीति नहीं होनी चाहिए जिससे हमारी सीमाओं को खतरा उत्पन्न हो: IIM में एस जयशंकर ने कहा
* सोशल मीडिया मंच आतंकी समूहों के ‘टूलकिट' में प्रभावशाली उपकरण बन गए हैं : जयशंकर
* जयशंकर, ब्रिटिश विदेश मंत्री क्लेवरली ने यूक्रेन संकट, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति पर की चर्चा
आज का भारत वैश्विक कार्यस्थल का प्रभावी ढंग से कर रहा है उपयोग: विदेश मंत्री
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)