प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म e-RUPI की सोमवार को शुरुआत कर दी. इसकी शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'आज देश डिजिटल ट्रांजैक्शन को एक नया आयाम दे रहा है. e-RUPI से यह प्रक्रिया और आगे बढ़ेगी. इससे पारदर्शी और आसान तरीके से डिजिटल ट्रांजेक्शन संभव होगा. सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढ़ाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो, वो कैश के बजाय e-RUPI दे पाएगा. इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है.'
साथ ही पीएम ने कहा, e-RUPI एक तरह से Person के साथ-साथ Purpose Specific भी है. जिस मकसद से कोई मदद या कोई बेनिफिट दिया जा रहा है, वो उसी के लिए प्रयोग होगा, ये e-RUPI सुनिश्चित करने वाला है. समय के साथ-साथ e-RUPI में और भी चीजें जुड़ती जाएंगी. जैसे कोई किसी के इलाज में खर्च करना चाहता है, कोई टीबी के मरीज को सही दवाओं और भोजन के लिए आर्थिक मदद देना चाहता है, या फिर बच्चों को भोजन और पर्यावरण से जुड़ी सुविधाएं पहुंचाना चाहता है तो e-RUPI उनके के लिए बहुत सहयोगी होगा.
साथ ही कहा, अगर सरकार द्वारा किताबों के लिए पैसा भेजा गया है, तो e-RUPI सुनिश्चित करेगा कि किताबें ही खरीदी जाएं. यूनीफॉर्म के लिए पैसे भेजे गए हैं, तो उसी के उपयोग में खर्च हो, यदि खाद के लिए पैसे भेजे गए हैं, तो उसमें ही खर्च किए जाएं.
पीएम मोदी ने इसके अलावा कहा कि भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि टेक्नोलॉजी को ग्रहण करने में, उससे जुड़ने में वो किसी से भी पीछे नहीं है. Innovations की बात हो, सर्विस डिलीवरी में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो, भारत दुनिया के बड़े देशों के साथ मिलकर ग्लोबल लीडरशिप देने की क्षमता रखता है.