प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नागपुर मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया और फ्रीडम पार्क से खपरी तक मेट्रो की सवारी करने के लिए एक टिकट खरीदा. पीएम मोदी ने 6700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाली रेल परियोजना के दूसरे चरण की आधारशिला भी रखी.
फ्रीडम पार्क से खपरी तक की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को छात्रों और यात्रियों से बातचीत करते भी देखा गया. इससे पहले आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के नागपुर और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के बीच चलने वाली छठी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई. ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद पीएम मोदी ने ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. पीएम मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाने वाली यह छठी वंदे भारत एक्सप्रेस है.
प्रधानमंत्री के नागपुर पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनका स्वागत किया. आज दोपहर में, नागपुर में सार्वजनिक समारोह में, पीएम नागपुर रेलवे स्टेशन और अजनी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे, जिन्हें क्रमश: लगभग 590 करोड़ रुपये और 360 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकास किया जाएगा. प्रधानमंत्री सरकारी रखरखाव डिपो, अजनी (नागपुर) और नागपुर-इटारसी तीसरी लाइन परियोजना के कोहली-नरखेर खंड को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इन परियोजनाओं को क्रमश: करीब 110 करोड़ रुपये और करीब 450 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है.
प्रधानमंत्री द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वन हेल्थ (NIO) की नागपुर में आधारशिला रखना 'एक स्वास्थ्य' दृष्टिकोण के तहत देश में बुनियादी ढांचे की दिशा में एक कदम है. यह संस्थान 110 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से स्थापित किया जाएगा. यह देश भर में 'एक स्वास्थ्य' दृष्टिकोण में अनुसंधान और क्षमता निर्माण में सुधार के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा.प्रधानमंत्री नागपुर में नाग नदी के प्रदूषण उपशमन परियोजना की भी आधारशिला रखेंगे. यह परियोजना राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (NRCP)के तहत है और यह 1925 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से संचालित की जाएगी.
विदर्भ क्षेत्र में, विशेष रूप से आदिवासी आबादी में सिकल सेल रोग का प्रसार तुलनात्मक रूप से अधिक है. थैलेसीमिया और एचबीई जैसे अन्य हीमोग्लोबिनोपैथी रोग, देश पर बोझ बनते जा रहे हैं. इस मुद्दे को हल करने के लिए, प्रधानमंत्री ने फरवरी 2019 में 'सेंटर फॉर रिसर्च, मैनेजमेंट एंड कंट्रोल ऑफ हीमोग्लोबिनोपैथिस, चंद्रपुर' की नींव रखी. प्रधानमंत्री अब इस केंद्र को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिसे देश में हीमोग्लोबिनोपैथी के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, मानव संसाधन विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र बनने की परिकल्पना की गई है. प्रधानमंत्री सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPT), चंद्रपुर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. संस्थान का उद्देश्य पॉलिमर और संबद्ध उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुशल मानव संसाधन विकसित करना है.
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