प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को अपने भूटानी समकक्ष शेरिंग टोबगे के साथ भारत और भूटान के बीच 'अद्वितीय और विशेष साझेदारी' के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए 'सार्थक' बातचीत की. मोदी ने टोबगे के साथ बातचीत के बाद कहा कि वह अगले सप्ताह भूटान आने का निमंत्रण देने के लिए वहां के नरेश और प्रधानमंत्री को 'हार्दिक धन्यवाद' देते हैं.
इससे कुछ घंटे पहले ही भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे बृहस्पतिवार को भारत की पांच-दिवसीय यात्रा पर नयी दिल्ली पहुंचे. इस साल जनवरी में कार्यभार संभालने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए अपने मित्र एवं भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से मिलकर खुशी हुई. हमारी अद्वितीय और विशेष साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर सार्थक चर्चा हुई. मैं अगले सप्ताह भूटान की यात्रा के लिए आमंत्रित करने हेतु भूटान के नरेश और प्रधानमंत्री को हार्दिक धन्यवाद देता हूं.''
Glad to meet my friend and PM of Bhutan @tsheringtobgay on his first overseas visit in this term. Had productive discussions encompassing various aspects of our unique and special partnership. I convey heartfelt thanks to His Majesty the King of Bhutan and @PMBhutan for inviting… pic.twitter.com/Ab7wXH2TVt
— Narendra Modi (@narendramodi) March 14, 2024
अधिकारियों ने कहा कि मोदी और टोबगे ने दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों की व्यापक रूप से समीक्षा की.विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा था, 'भूटान के प्रधानमंत्री की यात्रा दोनों पक्षों को हमारी अनूठी साझेदारी में प्रगति की समीक्षा करने एवं भारत और भूटान के बीच दोस्ती और सहयोग के स्थायी संबंधों का विस्तार करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी.'
टोबगे की भारत यात्रा उस पृष्ठभूमि में हो रही है जब चीन और भूटान अपने सीमा विवाद के शीघ्र समाधान पर विचार कर रहे हैं, जिसका प्रभाव भारत के सुरक्षा हितों पर पड़ सकता है. हालांकि, यह तुरंत ज्ञात नहीं हुआ है कि बृहस्पतिवार को मोदी और टोबगे के बीच हुई वार्ता में सीमा मुद्दे पर चर्चा हुई या नहीं.
करीब पांच महीने पहले भूटान के तत्कालीन विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से बातचीत की थी.बातचीत के संबंध में चीन के एक बयान में कहा गया था कि भूटान दृढ़ता से एक-चीन सिद्धांत का पालन करता है और सीमा मुद्दे के शीघ्र समाधान के लिए चीन के साथ काम करने और राजनयिक संबंध स्थापित करने की राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है. सीमा विवाद को लेकर भूटान और चीन की बातचीत पर भारत की करीबी नजर है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं