
- प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रेटर नोएडा में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जीएसटी सुधारों को जारी रखने का आश्वासन दिया
- GST में नेक्स्ट जेनरेशन सुधारों से रजिस्ट्रेशन आसान होगा और टैक्स विवाद कम होंगे, MSME को तेजी से रिफंड मिलेगा
- पीएम मोदी ने कहा कि आर्थिक मजबूती बढ़ने से नागरिकों पर टैक्स का बोझ धीरे-धीरे कम होता जाएगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि "माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार जारी रहेंगे तथा अर्थव्यवस्था के और मजबूत होने पर नागरिकों पर कर का बोझ और कम होगा. मोदी ने कहा कि देश में वर्तमान में सुधारों के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति है. साथ ही उसके पास लोकतांत्रिक और राजनीतिक स्थिरता भी है."
उन्होंने कहा, "2017 में हम जीएसटी लाए, आर्थिक मजबूती का काम किया और 2025 में फिर से लाए, फिर आर्थिक मजबूती करेंगे और जैसे जैसे आर्थिक मजबूती होगी टैक्स का बोझ कम होता जाएगा. देशवासियों के आशीर्वाद से GST रिफॉर्म्स का सिलसिला निरंतर चलता रहेगा".
जाहिर है, प्रधानमंत्री का इशारा साफ है -- देश जैसे-जैसे आर्थिक तौर पर मजबूत होगा, आने वाले समय में टैक्स का बोझ और कम होगा. प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान देशभर में GST 2.0 नेक्स्ट जेनरेशन के रिफॉर्म्स लागू होने के तीन दिन बाद आया है.
UP इंटरनेशनल ट्रेड शो में उद्योगपतियों, ट्रे़डर्स और निवेशकों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अभी तीन दिन पहले ही, नेक्स्ट जनरेशन GST रिफॉर्म्स लागू किए गए हैं. GST में हुए बदलाव भारत की ग्रोथ स्टोरी को नए पंख देने वाले Structural Reforms हैं. इन रिफॉर्म्स से GST रजिस्ट्रेशन आसान होगा, टैक्स disputes कम होंगे, और MSMEs को रिफंड भी तेजी से मिलेंगे".
आम जरूरत के सामानों पर जीएसटी रेट घटाने के जीएसटी काउंसिल के फैसले के बाद बाजारों में इनकी खुदरा कीमतें घट दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने आंकड़ों के साथ कई महत्वपूर्ण तथ्य उद्योगपतियों, एक्सपोर्टर, व्यापारियों और आम नागरिकों के सामने रखें.
मोदी ने कहा, "अगर कोई परिवार, अपने परिवार मे जो भी कोई आवश्यकता होती है, साल भर का हिसाब लगा ले और मान लीजिए 2014 में अगर एक साल में वो एक लाख रुपये की चीजें खरीदता था, अगर 1 लाख रुपये के आसपास उसने 2014 के पहले कुछ खरीद किया होगा, तो उसे उस समय करीब करीब 25,000 रुपया टैक्स देना पड़ता था लेकिन अब नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी के बाद उसी परिवार को सालाना सिर्फ 25000 से कम करीब 5-6 हजार रुपया तक टैक्स देना होगा. 25000 से 5000, क्योंकि जरूरत के ज्यादातर सामान पर अब सिर्फ पांच परसेंट GST हो गया है".
सरकार को उम्मीद है कि आम परिवारों पर जब टैक्स का बोझ कम होगा तो वह बाजार में ज्यादा खरीद करेंगे. इससे अर्थव्यवस्था में डिमांड बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी.
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