कांग्रेस ने पीएम मोदी और अमित शाह से सवाल किया है कि वे वेंकैया नायडू के परिजनों पर लगे अनियमितताओं के आरोपों पर चुप क्यों हैं.
नई दिल्ली:
पीएम नरेंद्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू एवं उनके परिजनों पर लगाए गए कथित अनियमितताओं के आरोपों पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? कांग्रेस ने बुधवार को यह सवाल उठाया. कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह भ्रष्टाचार एवं गलत कामों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने का दावा करते हैं तो इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं?
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नायडू ने अपने और अपने परिजनों के बारे में कांग्रेस पार्टी द्वारा दो दिन पहले लगाए गए कथित अनियमितताओं के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था और इनका बिंदुवार जवाब दिया था.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने 24 जुलाई को नायडू एवं उनके परिजनों पर चार आरोप लगाए थे. इनके जवाब में नायडू एवं तेलंगाना की टीआरएस सरकार ने जो स्पष्टीकरण दिया है उससे और भी सवाल उठते हैं.
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उन्होंने कहा ‘‘तेलंगाना सरकार ने नायडू की पुत्री दीपा वेंकट के स्वर्ण भारत ट्रस्ट को हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण के कुल 2.46 करोड़ रुपये के विकास प्रभारों से छूट दी थी. इसके जवाब में नायडू ने कहा कि ऐसी छूट 16 और ट्रस्टों को दी गई. ’’ उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने यह नहीं बताया कि अन्य ऐसे सैकड़ों गैर सरकारी संगठनों ने छूट पाने के लिए सरकार से आवेदन किया था लेकिन उनको छूट नहीं दी गई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्वर्ण भारत ट्रस्ट को इसी सरकार ने 8 जुलाई 2017 को विदेशी योगदान (नियमन) कानून 2010 के तहत एक नोटिस दिया था.
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सुरजेवाला ने तेलंगाना सरकार द्वारा पुलिस के वाहन खरीदने के मामले में आरोप लगाया कि नायडू के पुत्र के स्वामित्व वाली हर्ष टोयटा से 350 टोयटा वाहन बिना टेंडर के खरीदे गए जबकि राधा कृष्ण मोटर से टेंडर जारी करके वाहन खरीदे गए. उन्होंने कहा कि नायडू ने स्वीकार किया है कि भोपाल में जिस कुशाभाऊ ठाकरे स्मारक ट्रस्ट को मध्यप्रदेश सरकार ने 20 एकड़ जमीन दी थी, वह उस ट्रस्ट के तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष होने के कारण चेयरमेन थे. उन्होंने कहा कि इस सौदे पर उच्चतम न्यायालय ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
VIDEO : मुकाबला उप राष्ट्रपति पद के लिए
सुरजेवाला ने कहा कि नायडू ने इस बात से इंकार नहीं किया है कि आंध्रप्रदेश में गरीबों और वंचितों के उद्देश्य वाली 4.95 एकड़ जमीन उन्होंने हासिल की थी जिसे बाद में उन्हें लौटाना पड़ा था. उन्होंने कहा कि इन बिंदुओं पर प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष शाह को जवाब देना चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नायडू ने अपने और अपने परिजनों के बारे में कांग्रेस पार्टी द्वारा दो दिन पहले लगाए गए कथित अनियमितताओं के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था और इनका बिंदुवार जवाब दिया था.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने 24 जुलाई को नायडू एवं उनके परिजनों पर चार आरोप लगाए थे. इनके जवाब में नायडू एवं तेलंगाना की टीआरएस सरकार ने जो स्पष्टीकरण दिया है उससे और भी सवाल उठते हैं.
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उन्होंने कहा ‘‘तेलंगाना सरकार ने नायडू की पुत्री दीपा वेंकट के स्वर्ण भारत ट्रस्ट को हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण के कुल 2.46 करोड़ रुपये के विकास प्रभारों से छूट दी थी. इसके जवाब में नायडू ने कहा कि ऐसी छूट 16 और ट्रस्टों को दी गई. ’’ उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने यह नहीं बताया कि अन्य ऐसे सैकड़ों गैर सरकारी संगठनों ने छूट पाने के लिए सरकार से आवेदन किया था लेकिन उनको छूट नहीं दी गई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्वर्ण भारत ट्रस्ट को इसी सरकार ने 8 जुलाई 2017 को विदेशी योगदान (नियमन) कानून 2010 के तहत एक नोटिस दिया था.
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सुरजेवाला ने तेलंगाना सरकार द्वारा पुलिस के वाहन खरीदने के मामले में आरोप लगाया कि नायडू के पुत्र के स्वामित्व वाली हर्ष टोयटा से 350 टोयटा वाहन बिना टेंडर के खरीदे गए जबकि राधा कृष्ण मोटर से टेंडर जारी करके वाहन खरीदे गए. उन्होंने कहा कि नायडू ने स्वीकार किया है कि भोपाल में जिस कुशाभाऊ ठाकरे स्मारक ट्रस्ट को मध्यप्रदेश सरकार ने 20 एकड़ जमीन दी थी, वह उस ट्रस्ट के तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष होने के कारण चेयरमेन थे. उन्होंने कहा कि इस सौदे पर उच्चतम न्यायालय ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
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सुरजेवाला ने कहा कि नायडू ने इस बात से इंकार नहीं किया है कि आंध्रप्रदेश में गरीबों और वंचितों के उद्देश्य वाली 4.95 एकड़ जमीन उन्होंने हासिल की थी जिसे बाद में उन्हें लौटाना पड़ा था. उन्होंने कहा कि इन बिंदुओं पर प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष शाह को जवाब देना चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
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