पीएम मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर राष्ट्र को संबोधित किया. पीएम मोदी ने आज लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए 2047 तक भारत के लिए एक विकसित राष्ट्र बनने की रूपरेखा रखी. ऐसे में उनके पिछले वादे सोशल मीडिया पर फिर से सुर्खियां बटोरने लगे. नतीजतन आवास, किसानों की आय और अन्य मुद्दों के संबंध में उनके किए गए वादे लोगों को याद आ गए. कुछ लोगों का कहना है कि साल 2022 में किए गए वादे की समयसीमा अब 2047 हो गई.
जून 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के लाभार्थियों के साथ बातचीत करते हुए, पीएम ने कहा था कि सरकार 2022 तक प्रत्येक भारतीय के लिए एक घर सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है. "आवास योजना केवल ईंट और मोर्टार के बारे में नहीं है, यह योजना जीवन की बेहतर गुणवत्ता और सपनों के सच होने के बारे में है. हम यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं कि 2022 तक हर भारतीय के पास एक घर हो, जब भारत आजादी के 75 साल पूरे कर कर रहा है,"
इसी साल एक और वादे में, पीएम ने किसानों के साथ बातचीत करते हुए 2022 तक उनकी आय को दोगुना करने का वादा किया था. उन्होंने आय दोगुनी करने के वादे को दोहराते हुए कहा था कि उनके कार्यकाल के दौरान कृषि के लिए आवंटित किए गए बजट में वृद्धि की बात कही थी. किसानों की आय 2022 में औसतन 2018 के स्तर से 1.3-1.7 गुना की सीमा में बढ़ी है, हाल ही में एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट में ये दावा किया गया है.
विपक्षी दल अक्सर पीएम पर उनके दावे पूरे ने होने की वजह से निशाना साधते रहते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने हाल ही में मोदी सरकार को 2022 के अपने वादों के बारे में याद दिलाया था - जिसमें 2022 तक हर भारतीय के पास घर , 2022 तक किसानों की आय दोगुना होना, 2022 तक बुलेट ट्रेन का संचालन, और अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन USD तक पहुंच जाएगी. जैसे प्रमुख वादे शामिल थे. इसी पर गौरव वल्लभ ने पूछा,"झूठे वादों की यह संस्कृति कैसे और कब खत्म होगी? क्या पीएम वर्ष 2022 के लिए वादों की नई समय सीमा देने जा रहे हैं?"
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने आखिरी स्वतंत्रता दिवस के भाषण में, पीएम ने कहा था कि 2022 तक, भारत एक "बेटा या बेटी" को अंतरिक्ष में राष्ट्रीय ध्वज के साथ भेजेगा. 2018 में, तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दावा किया था कि अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली भारत की पहली हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन का सपना हकीकत बनने के करीब था और इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए संचालन 2022 में शुरू होगा.
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हालांकि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जून में कहा था कि वे 2026 में गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आश्वस्त हैं. सरकार ने इस योजना में देरी के लिए भूमि अधिग्रहण और कोविड -19 महामारी को जिम्मेदार ठहराया.
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