केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि देश यदि पीएम गति शक्ति-नेशनल मास्टर प्लान फॉर मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के माध्यम से लॉजिस्टिक लागत को 4-5 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम होता है तो भारत सालाना ₹ 10 लाख करोड़ रुपये बचा लेगा. गोयल ने पीएम गतिशक्ति योजना के शुभारंभ की पहली वर्षगांठ पर न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए यह विचार व्यक्त किए . उन्होंने कहा कि आज देश की लॉजिस्टिक लागत 13 से 14 प्रतिशतके आसपास है. हमारी कोशिश आने वाले वर्षों में इसे 4-5 प्रतिशत तक लाने की है. इससे देश को सालाना करीब ₹10 लाख करोड़ बचाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि भारत, पीएम गतिशक्ति कनेक्टिविटी के माध्यम से बुनियादी ढांचे के 'गैप' को भर रहा है और कम समय में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा कर रहा है. इसके साथ ही यदि हम लॉजिस्टिक लागत को चार से पांच फीसदी तक कम या एकल अंक (single digit) तक ले आते हैं तो बड़ी राशि बचाने में सफल होंगे. केंद्रीय मंत्री ने हितधारकों से कहा कि वे बेहतर, अधिक किफायती और समयबद्ध बुनियादी ढांचे की योजना के लिए पीएम गतिशक्ति का उपयोग करने के लिए अलग-अलग तरीकों की कल्पना करें.
उन्होंने कहा कि बेहतर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सामाजिक क्षेत्र में भी पीएम गतिशक्ति का तेजी से उपयोग किया जा रहा है ताकि हर नागरिक को टेक्नोलॉजी का लाभ मिले और आम लोगों का जीवन सुगम हो सके. पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान बुनियादी ढांचे के विकास में भारत के प्रयासों को 'गति' और 'शक्ति' दोनों प्रदान करेगा. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 13 अक्टूबर 2021 को सभी केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों में बुनियादी ढांचे की योजनाओं के एकीकृत नियोजन और परियोजना का तालमेल से कार्यान्वयन के लिए प्रधानमंत्री गति राष्ट्रीय वृहद योजना का शुभारंभ किया था.
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