गुवाहाटी:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित असम के लिए सोमवार को 500 करोड़ रुपये की सहायता घोषित की।
राज्य में बाढ़ के कारण तकरीबन 65 लोगों की मौत हो चुकी है और कृषि भूमि सहित राज्य का एक विशाल भूभाग पानी में डूब गया है।
राहत की यह घोषणा मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राज्य के कुछ बाढ़ प्रभावित जिलों का सोमवार को हवाई सर्वेक्षण किए जाने के बाद की गई।
प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी के पास स्थित एलजीबीआई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया के समक्ष एक बयान पढ़ते हुए कहा, "राज्य को तत्काल राहत के लिए 500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। एक केंद्रीय दल राज्य में बाढ़ से हुए कुल नुकसान का आकलन शुरू करेगा और केंद्रीय दल के आकलन के आधार पर राज्य सरकार को सभी आवश्यक वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी।"
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ से राज्य के 27 जिले प्रभावित हैं, और रविवार तक बाढ़ में कम से कम 65 लोग मारे जा चुके थे। पिछले दो सप्ताहों के दौरान 16 अन्य लोग भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए थे।
प्रधानमंत्री असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उन्होंने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लुमदिंग-बदरपुर पर्वतीय खण्ड में रेल मार्ग की बहाली के लिए अत्याधुनिक प्रयासों का आश्वासन भी दिया।
रेल मंत्रालय को रेल मार्गो को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं, क्योंकि असम की बराक घाटी तथा पड़ोसी मिजोरम और त्रिपुरा के लोगों के लिए यह जीवन रेखा है।
चूंकि कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी घट रहा है, लिहाजा मनमोहन सिंह ने कहा कि फिलहाल प्राथमिक ध्यान उन लोगों को बचाने पर और उन्हें राहत मुहैया कराने पर दिया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों में असहाय पड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने इसके पहले बाढ़ और भूस्खलनों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के रिश्तेदार के लिए एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार भी प्रत्येक पीड़ित को 2.5 लाख रुपये देगी।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं।
मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"
मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।"
इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है।
राज्य में बाढ़ के कारण तकरीबन 65 लोगों की मौत हो चुकी है और कृषि भूमि सहित राज्य का एक विशाल भूभाग पानी में डूब गया है।
राहत की यह घोषणा मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राज्य के कुछ बाढ़ प्रभावित जिलों का सोमवार को हवाई सर्वेक्षण किए जाने के बाद की गई।
प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी के पास स्थित एलजीबीआई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया के समक्ष एक बयान पढ़ते हुए कहा, "राज्य को तत्काल राहत के लिए 500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। एक केंद्रीय दल राज्य में बाढ़ से हुए कुल नुकसान का आकलन शुरू करेगा और केंद्रीय दल के आकलन के आधार पर राज्य सरकार को सभी आवश्यक वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी।"
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ से राज्य के 27 जिले प्रभावित हैं, और रविवार तक बाढ़ में कम से कम 65 लोग मारे जा चुके थे। पिछले दो सप्ताहों के दौरान 16 अन्य लोग भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए थे।
प्रधानमंत्री असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उन्होंने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लुमदिंग-बदरपुर पर्वतीय खण्ड में रेल मार्ग की बहाली के लिए अत्याधुनिक प्रयासों का आश्वासन भी दिया।
रेल मंत्रालय को रेल मार्गो को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं, क्योंकि असम की बराक घाटी तथा पड़ोसी मिजोरम और त्रिपुरा के लोगों के लिए यह जीवन रेखा है।
चूंकि कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी घट रहा है, लिहाजा मनमोहन सिंह ने कहा कि फिलहाल प्राथमिक ध्यान उन लोगों को बचाने पर और उन्हें राहत मुहैया कराने पर दिया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों में असहाय पड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने इसके पहले बाढ़ और भूस्खलनों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के रिश्तेदार के लिए एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार भी प्रत्येक पीड़ित को 2.5 लाख रुपये देगी।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं।
मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"
मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।"
इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है।
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