Pindwara Abu Election Results 2023: जानें, पिंडवारा आबू (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

पिंडवारा आबू विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 201932 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 69360 ने बीजेपी उम्मीदवार सामा राम गरासिया को वोट देकर जिताया था, जबकि 42386 वोट पा सके कांग्रेस प्रत्याशी लाला राम 26974 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Pindwara Abu Election Results 2023: जानें, पिंडवारा आबू (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के मारवाड़ क्षेत्र में मौजूद है सिरोही जिला, जहां बसा है पिंडवारा आबू विधानसभा क्षेत्र, जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 201932 मतदाता थे, और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार सामा राम गरासिया को 69360 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार लाला राम को 42386 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 26974 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में पिंडवारा आबू विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार समाराम गरासिया ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 61453 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गंगाबेन गिरासिया को 30598 वोट मिल पाए थे, और वह 30855 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में पिंडवारा आबू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार गंगा को कुल 40018 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी दुर्गाराम दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 36672 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 3346 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.