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This Article is From Oct 28, 2015

रियाज भटकल की 'फोटोशॉप्ड' तस्‍वीर की वजह से खुफिया एजेंसियों की नजरों से गिरा छोटा राजन

रियाज भटकल की 'फोटोशॉप्ड' तस्‍वीर की वजह से खुफिया एजेंसियों की नजरों से गिरा छोटा राजन
छोटा राजन (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: मोस्‍ट वांटेड आतंकी रियाज भटकल को मारने की 'फोटोशॉप की गई' तस्‍वीर भेजकर माफिया सरगना छोटा राजन भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसियों की निगाह से गिर गया था। वर्ष 2011 की छोटा राजन की इस 'हरकत' से इंटेलीजेंस एजेंसियों को यह अहसास हो गया था कि यह यह माफिया सरगना उनके लिए उतना महत्‍वपूर्ण नहीं है जितना कि समझा जा रहा है।

अखबार 'द इंडियन एक्‍सप्रेस' में प्रकाशित खबर के अनुसार, वर्ष 2011 की शुरुआत में राजन ने इंटेलीजेंस ब्‍यूरो से संपर्क कर दावा किया कि उसने भारत के मोस्‍ट वांटेड आतंकियों में एक, इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) प्रमुख रियाज शाहबंदारी उर्फ रियाज भटकल को मार दिया है। यही नहीं, अपने दावे को साबित करने के लिए छोटा राजन ने गोलियों से छलनी भटकल का झूठा फोटो 'तैयार' करवाया।

उसका यह झूठ टिक नहीं सका और जांच में इस बात का पता चल गया कि रियाज की तस्‍वीर को 'फोटोशॉप' करके अलग रूप में दिखाया गया है। जांच में यह बात भी सामने आई कि एक गुर्गे ने भटकल को मार डालने का दावा करते हुए राजन को यह फोटो उपलब्‍ध कराया था। इस गुर्गे ने अपने इस 'कारनामे' के लिए इनाम भी मांगा था।

फोटो में बेंडेज से बंधा था चेहरा और सीना
फोटोशॉप की गई इस तस्‍वीर में कराची के अस्‍पताल में लेटे भटकल का चेहरा और सीना बेंडेज से बंधा हुआ था। राजन ने दावा किया था कि भटकल को गोली मारे जाने के बाद उसे अस्‍पताल ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। उसका यह भी कहना था कि गुर्गों ने यह तस्‍वीर उसे यह तस्‍वीर उपलब्‍ध कराई है। यह दावा सुरक्षा एजेंसियों के लिए उत्‍साहित करने वाला था।

रियाज भटकल जयपुर, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, वाराणसी और दिल्‍ली में हुए सीरीज बम ब्‍लास्‍ट में अपनी संलिप्‍तता के चलते भारतीय पुलिस के लिए साबित हो रहा था। हालांकि इस दावे की बारीकी से जांच किए जाने की जरूरत थी। यहां तक कि पाकिस्‍तान स्थित सूत्रों से भी भटकल की मौत की पुष्टि करने को कहा गया था। बारीकी से परीक्षण के बाद रियाज की तस्‍वीर 'फोटोशॉप' की गई पाई गई।

भटकल की पुरानी फोटो थी
छोटा राजन के दावे के झूठ होने का सुराग इस बात से मिला कि रियाज का वह फोटो पुराना था और आसानी से इंटरनेट पर उपलब्‍ध था। फोटो पर 'काम' करने वाले ने इस पर कुछ बेंडेज लगा दिए, लेकिन साथ में इस बात का भी ध्‍यान रखा गया कि चेहरा खुला रहे ताकि भटकल के रूप में उसे पहचाना जा सके। बाद में पाकिस्‍तान में रह रहे सूत्रों से भी इस बात की पुष्टि हुई कि भटकल जिंदा है और आतंक के अपने मिशन को अंजाम देने में लगा है। इस तरह यह झूठ सामने आ गया।  

 

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