चुनाव में अयोग्य करार देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जद सेकुलर के सांसद और देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हासन निर्वाचन क्षेत्र से प्रज्वल के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस दिया गया है.निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता और याचिकाकर्ता का आरोप है कि प्रज्वल ने अनुचित और भ्रष्ट तरीकों से चुनाव जीता और उनके चुनाव को रद्द किया जाना चाहिए.
कर्नाटक में हासन संसदीय क्षेत्र के मतदाता देवाराजे गौड़ा ने याचिका दाखिल की है. याचिकाकर्ता पूर्व कांग्रेसी हैं जो अब बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि प्रज्वल रेवन्ना चुनाव को रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने मतदाताओं को रिश्वत देकर भ्रष्ट आचरण किया था. उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ तकनीकी आधार पर प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ अपनी याचिका को खारिज करने पर अपील की है.
शीर्ष अदालत में अपनी अपील में देवाराजे गौड़ा ने कहा है कि उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर एक गलती की. हाईकोर्ट मामले की योग्यता में नहीं गया. उच्च न्यायालय को योग्यता की जांच करनी चाहिए थी.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जनवरी में तकनीकी आधार पर गौड़ा की याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि गौड़ा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 81 (3) का पालन करने में विफल रहे हैं क्योंकि याचिकाकर्ता ने याचिका में संलग्न दस्तावजों को सत्यापित नहीं किया था.
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