प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पूरे देश में पटाखों की बिक्री और पटाखे रखने और चलाने पर रोक की मांग की गई है. इस बारे में अर्जुन गोपाल सहित तीन बच्चों ने अर्जी दाखिल की है.
याचिका में कहा गया है कि किस तरह से दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक के बावजूद पटाखा विक्रेताओं के अपने घरों से ही पटाखों की बिक्री की और पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की. इतना ही नहीं दीवाली को देर रात तक पटाखा चलाने वालों के ख़िलाफ़ शिकायत मिलने पर भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की.
यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी : हमें पता है दीपावली पटाखा मुक्त नहीं होने वाली, लोग पटाखे जलाएंगे
याचिका में मीडिया रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पूरे देश में पटाखों पर रोक की मांग की गई है. अर्जी में मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि चेन्नई में पटाखों की वजह से इतना प्रदूषण हो गया था कि स्मॉग की वजह से यातायात प्रभावित हुआ था और फ्लाइट देरी से चल रही थी.
याचिका में ये भी कहा गया है कि 1 नवंबर से शादियों का सीज़न शुरू हो जाएगा जिसमें बड़े पैमाने पर पटाखों की मांग होगी जो शहर की हवा के लिए सबसे खराब समय होता है. ऐसा नहीं है यह केवल शादियों तक सीमित रहेगा, पटाखों की मांग क्रिसमस और नए साल पर भी रहती है. जिसका असर कई दिनों तक रहता है ऐसे में देश भर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई जाए.
VIDEO : सख्ती से रोक
याचिका में ये भी कहा गया है कि पटाखों की बिक्री पर रोक के बावजूद दिल्ली एनसीआर में जमकर पटाखे छोड़े गए. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली और एनसीआर में पटाखा विक्रेताओं ने अपने घरों से पटाखों की बिक्री की. पटाखा विक्रेताओं ने पटाखों को ऑनलाइन बेचा और कई विक्रेताओं ने पटाखे गिफ्ट में भी दिए.
याचिका में कहा गया है कि किस तरह से दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक के बावजूद पटाखा विक्रेताओं के अपने घरों से ही पटाखों की बिक्री की और पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की. इतना ही नहीं दीवाली को देर रात तक पटाखा चलाने वालों के ख़िलाफ़ शिकायत मिलने पर भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की.
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याचिका में मीडिया रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पूरे देश में पटाखों पर रोक की मांग की गई है. अर्जी में मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि चेन्नई में पटाखों की वजह से इतना प्रदूषण हो गया था कि स्मॉग की वजह से यातायात प्रभावित हुआ था और फ्लाइट देरी से चल रही थी.
याचिका में ये भी कहा गया है कि 1 नवंबर से शादियों का सीज़न शुरू हो जाएगा जिसमें बड़े पैमाने पर पटाखों की मांग होगी जो शहर की हवा के लिए सबसे खराब समय होता है. ऐसा नहीं है यह केवल शादियों तक सीमित रहेगा, पटाखों की मांग क्रिसमस और नए साल पर भी रहती है. जिसका असर कई दिनों तक रहता है ऐसे में देश भर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई जाए.
VIDEO : सख्ती से रोक
याचिका में ये भी कहा गया है कि पटाखों की बिक्री पर रोक के बावजूद दिल्ली एनसीआर में जमकर पटाखे छोड़े गए. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली और एनसीआर में पटाखा विक्रेताओं ने अपने घरों से पटाखों की बिक्री की. पटाखा विक्रेताओं ने पटाखों को ऑनलाइन बेचा और कई विक्रेताओं ने पटाखे गिफ्ट में भी दिए.
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