'मां का निधन हो गया, लेकिन ट्रेन कैंसिल होने से घर नहीं जा पा रहा', 'अग्निपथ' विरोध की वजह से फंसे यात्री का छलका दर्द

वाराणसी कैंट के स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि हिंसक प्रदर्शन की वजह से एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. वाराणसी से बिहार के कई क्षेत्रों में जाने वाली ट्रेनें भी रुकी रही. उसमें फंसे यात्रियों की सहायता की गई और वैकल्पिक व्यवस्था कर बाद में लोगों को उनके डेस्टिनेशन की तरफ भेजा गया.

'मां का निधन हो गया, लेकिन ट्रेन कैंसिल होने से घर नहीं जा पा रहा', 'अग्निपथ' विरोध की वजह से फंसे यात्री का छलका दर्द

रेलवे स्टेशन पर फंसे यात्री

वाराणसी:

केंद्र सरकार (Central Government) की सेना में भर्ती के लिए लायी गई 'अग्निपथ' योजना ('Agneepath' Scheme) का छात्र देशभर में विरोध कर रहे हैं. इस दौरान हिंसा में सबसे ज्‍यादा निशाना रेल को बनाया गया है. बिहार में कई ट्रेनें जला दी गईं तो वहीं उत्तर प्रदेश के बलिया में और तेलंगाना के सिकंदराबाद में भी एक-एक ट्रेन को आग के हवाले कर दिया गया. इसके चलते रेलवे ने बिहार जाने और आने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया. ऐसे में दूर से आने वाले यात्री बड़ी संख्‍या में जहां-तहां फंस गए. वाराणसी के कैंट स्टेशन पर भी ऐसे ही कई यात्रियों ने NDTV से बात कर अपनी परेशानी बताई.

कई ट्रेन कैंसल होने की वजह से शनिवार को भी यात्री परेशान दिखे. वाराणसी कैंट स्टेशन पर खड़े एक यात्री पिंटु तिवारी ने बताया कि मुझे आरा जाना है, श्रमजीवी एक्सप्रेस में रिजर्वेशन कराया था, लेकिन वो कैंसिल हो गई है, तो अब किसी दूसरी ट्रेन का इंतजार कर रहा हूं. वहीं दूसरे यात्री राहुल ने बताया कि दिल्ली से एनटीपीसी की परीक्षा देकर लौट रहा हूं और वाराणसी में फंस गया हूं. पता नहीं अब कैसे आगे जाऊंगा.

एक अन्य यात्री ने बताया कि मेरी मां का निधन हो गया है, घर जाना है. पूरा परिवार मेरे साथ है, लेकिन ट्रेनें कैंसिल होने की वजह से भारी परेशानी हो रही है. वहीं सिकंदराबाद से परीक्षा देकर लौट रहे एक छात्र सुरेश ने बताया कि पांच हजार से भी ज्यादा छात्र परीक्षा देने गए थे, लेकिन लौटने के दौरान सभी रास्ते में ही जहां-तहां फंस गए. उन्होंने बताया कि बस का किराया महंगा भी होता है और अभी बंद है, साथ ही ट्रेन बंद होने से दर-दर भटक रहे हैं.

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वहीं वाराणसी कैंट के स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि हिंसक प्रदर्शन की वजह से एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. वाराणसी से बिहार के कई क्षेत्रों में जाने वाली ट्रेनें भी रुकी रही. हिंसा की वजह से खड़ी ट्रेनों में यथासंभव यात्रियों की सहायता की गई और वैकल्पिक व्यवस्था कर बाद में लोगों को उनके डेस्टिनेशन की तरफ भेजा गया.

इधर पूर्व मध्य रेल ने हिंसक प्रदर्शन के कारण ट्रेनों के परिचालन में अस्थाई बदलाव किए हैं. रेलवे का कहना है कि यात्रियों और रेल संपत्तियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 18.06.2022 को 20.00 बजे से 19.06.2022 को 04.00 बजे तक तथा पुन: 19.06.2022 को 20.00 बजे से 20.06.2022 को 20.00 बजे तक ही पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार से गुजरने/पहुंचने वाली ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा.

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बता दें कि शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन के कारण 300 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित (Trains Affected) हुई, जबकि 234 ट्रेन रद्द कर दी गई. वहीं, 7 ट्रेन आगजनी की चपेट में आई. रेलवे (Railway) ने कहा कि प्रदर्शन के कारण 94 मेल व एक्सप्रेस ट्रेन जबकि 140 यात्री ट्रेन रद्द की जा चुकी हैं. वहीं 65 मेल व एक्सप्रेस ट्रेन और 30 यात्री ट्रेन आंशिक रूप से रद्द की गई हैं. अधिकारियों ने कहा कि रेलवे ने 11 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का मार्ग बदल दिया है.

मंडलीय रेलवे के बयान के अनुसार, पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) में 164, उत्तर पूर्वी रेलवे (एनईआर) में 34, उत्तर रेलवे (एनआर) में 13 और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में लगभग तीन ट्रेन रद्द की गईं. दक्षिण रेलवे ने एक बयान में कहा कि आंदोलन और आगजनी को देखते हुए उसके अधिकार क्षेत्र से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के गंतव्यों की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों को बीच में ही रोक दिया गया.

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