नई दिल्ली:
कहते हैं कि प्यार का मौसम सदा 'सदाबहार' रहता है. उस पर ज़माने का कम ही असर होता है और जब महबूबा सामने हो तो, दुनिया की हर चीज बेमानी हो जाती है, लेकिन सोशल मीडिया के इस युग में प्यार की परिभाषाओं पर मोबाइल फोन ने सेंध लगा दी है. एक ताजा सर्वे में यह बात सामने आई है कि आजकल प्यार की ओर कदम बढ़ाने वाले लोगों की निगाहें अपने साथी के बजाए अपने फोन पर ज्यादा अटकी होती हैं. डेट पर लोग अपने साथी पर ध्यान देने की बजाए अपने मोबाइल फोन में ज्यादा मशगूल रहते हैं.
चिप बनाने वाली कंपनी ‘इंटेल’ के अध्ययन के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल किए गए 57 प्रतिशत भारतीयों ने कहा कि पहली डेट पर उन्हें अपने पार्टनर का ध्यान खींचने के लिए उनके फोन से मुकाबला करना पड़ा. इस सर्वे में 60 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि उनके डेट पार्टनर ने आमने-सामने बैठने पर उनसे ज्यादा अपने फोन पर ध्यान दिया.
ऑनलाइन व्यवहार को समझने और दोस्तों या पार्टनर वगैरह के साथ उनके संबंधों पर इसके प्रभाव को समझने के लिए ‘थ्रीज कंपनी: लवर्स, फ्रेंड्स और डिवाइसेज’ नाम का वैश्विक अध्ययन किया गया. अध्ययन में 1,400 भारतीय वयस्कों को शामिल किया गया जो नियमित आधार पर इंटरनेट से जुड़े उपकरण का इस्तेमाल करते हैं. अध्ययन इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि भारत चीन के बाद इंटरनेट का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है.
अध्ययन में पाया गया कि औसतन भारतीय युवा आमने-सामने बैठकर दूसरे से बातचीत करने के दौरान इंटरनेट का जितना इस्तेमाल (40 प्रतिशत) करते हैं, उससे ज्यादा घर में होने के दौरान (43 प्रतिशत) करते हैं. लोगों ने यह बात स्वीकार की कि फोन पर मशगूल होने को लेकर दोस्तों, साथी या परिवार के लोगों के साथ उनकी बहस होती है.
24 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अपने साथी के मोबाइल इस्तेमाल से नाखुश होने के बावजूद उन्होंने एक साथ होने के दौरान मोबाइल इस्तेमाल करने संबंधी कोई नियम नहीं बनाए हैं.
माना मोबाइल फोन आज बेहद जरुरी चीज हो गया है, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि आपके इस मोबाइल प्रेम के चक्कर में आपकी प्रेमिका आपके हाथ से न निकल जाए. तो अगली बार डेड पर अपने साथी से मिलते वक्त मोबाइल को करें साइलेंट मोड पर खुद हो जाएं साथी के साथ टाकिंग मोड पर. वैलेंटाइन डे का मौसम चल रहा है, संभाले अपने प्यार को.
चिप बनाने वाली कंपनी ‘इंटेल’ के अध्ययन के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल किए गए 57 प्रतिशत भारतीयों ने कहा कि पहली डेट पर उन्हें अपने पार्टनर का ध्यान खींचने के लिए उनके फोन से मुकाबला करना पड़ा. इस सर्वे में 60 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि उनके डेट पार्टनर ने आमने-सामने बैठने पर उनसे ज्यादा अपने फोन पर ध्यान दिया.
ऑनलाइन व्यवहार को समझने और दोस्तों या पार्टनर वगैरह के साथ उनके संबंधों पर इसके प्रभाव को समझने के लिए ‘थ्रीज कंपनी: लवर्स, फ्रेंड्स और डिवाइसेज’ नाम का वैश्विक अध्ययन किया गया. अध्ययन में 1,400 भारतीय वयस्कों को शामिल किया गया जो नियमित आधार पर इंटरनेट से जुड़े उपकरण का इस्तेमाल करते हैं. अध्ययन इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि भारत चीन के बाद इंटरनेट का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है.
अध्ययन में पाया गया कि औसतन भारतीय युवा आमने-सामने बैठकर दूसरे से बातचीत करने के दौरान इंटरनेट का जितना इस्तेमाल (40 प्रतिशत) करते हैं, उससे ज्यादा घर में होने के दौरान (43 प्रतिशत) करते हैं. लोगों ने यह बात स्वीकार की कि फोन पर मशगूल होने को लेकर दोस्तों, साथी या परिवार के लोगों के साथ उनकी बहस होती है.
24 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अपने साथी के मोबाइल इस्तेमाल से नाखुश होने के बावजूद उन्होंने एक साथ होने के दौरान मोबाइल इस्तेमाल करने संबंधी कोई नियम नहीं बनाए हैं.
माना मोबाइल फोन आज बेहद जरुरी चीज हो गया है, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि आपके इस मोबाइल प्रेम के चक्कर में आपकी प्रेमिका आपके हाथ से न निकल जाए. तो अगली बार डेड पर अपने साथी से मिलते वक्त मोबाइल को करें साइलेंट मोड पर खुद हो जाएं साथी के साथ टाकिंग मोड पर. वैलेंटाइन डे का मौसम चल रहा है, संभाले अपने प्यार को.
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