संसद को आज नए भवन में स्थानांतरित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन के विदाई समारोह के अवसर पर कहा कि ये सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है. हमें भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्त्तव्यों के लिए प्रेरित भी करता है. यहीं, संविधान सभाओं की बैठकें हुईं. संविधान ने आकार लिया. यहीं तिरंगा और राष्ट्रगान अपनाया गया. संसद में 4000 से अधिक कानून पास हुए.अनुछेद 370 से मुक्ति का कानून बना. 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी माननीय सांसदों को संबोधित किया है. हमारे सभी राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया है. यहां से हम नए संकल्प के साथ प्रस्थान कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हम नए भवन में जा रहे हैं, तो इस पुराने भवन की गरिमा कम नहीं होनी चाहिए. इसलिए पुराने संसद भवन को 'संविधान सदन' के रूप में जाना जाए, ताकि इसका सम्मान कम न हो और आने वाली पीढि़यां इसे याद रखें.
नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं
संसद के विशेष सत्र के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं. आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराना, फिर एक बार संकल्प बद्ध होना और उसका परिपूर्ण करने के लिए जी जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं. इससे पहले पीएम मोदी ने सभी देशवासियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं.
ट्रांसजेंडर को न्याय देने वाले कानूनों का भी निर्माण किया
पीएम मोदी ने कहा कि संसद ने बीते वर्षों में ट्रांसजेंडर को न्याय देने वाले कानूनों का भी निर्माण किया. इसके माध्यम से हमने ट्रांसजेंडर को भी सद्भाव और सम्मान के साथ नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाकी सुविधाएं देने की दिशा में कदम बढ़ाया है.
कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर चल पड़ा है...
अनुछेद 370 का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने इस सदन में अनुच्छेद-370 से मुक्ति पाने, अलगाववाद एवं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने का महत्वपूर्ण कदम उठाया. इस काम में माननीय सांसदों और संसद की बहुत बड़ी भूमिका है. जम्मू कश्मीर में इसी सदन में निर्मित संविधान लागू किया गया. आज जम्मू कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर चल पड़ा है और नई उमंग, नए उत्साह, नए संकल्प के साथ वहां के लोग आगे बढ़ने का कोई मौका अब छोड़ना नहीं चाहते.
भारत को अब बड़े कैनवास पर काम करना ही होगा
भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत पांचवीं अर्थव्यवस्था पर पहुंचा है, लेकिन पहले 3 के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है. मैं जिस स्थान पर हूं उस जानकारी के आधार और विश्व के गणमान्य लोगों से बातचीत करता हूं, उस आधार पर कह रहा हूं कि दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगा. टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत का नौजवान जिस प्रकार आगे बढ़ रहा है, वो पूरे विश्व के लिए आकर्षण और स्वीकृति का केंद्र बन रहा है. अमृतकाल के 25 वर्षों में भारत को अब बड़े कैनवास पर काम करना ही होगा. हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लक्ष्य को सबसे पहले परिपूर्ण करना चाहिए.
पुराना संसद भवन अब 'संविधान सदन'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब हम नए भवन में जा रहे हैं. लेकिन मेरा सभी माननीयों से एक आग्रह है कि इस पुराने भवन की गरिमा और सम्मान कम नहीं होना चाहिए. अगर हम इसे सिर्फ पुराना संसद भवन कहकर छोड़ दें, तो ऐसा ठीक नहीं होगा. इसलिए मैं चाहता हूं कि संसद भवन की इस पुरानी इमारत को अब 'संविधान सदन' के रूप में जाना जाए. ताकि ये भवन हमेशा हमारे जीवन की प्ररेणा बनी रहे. जब हम इस भवन को 'संविधान सदन' के रूप में संबोधित करेंगे, तब ये उन महापुरुषों की याद दिलाएगा, जो कभी संविधान सभा में बैठे थे. हम सभी को भावी पीढ़ी को यह तोहफा देने का अवसर जाने नहीं देना चाहिए.
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