संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया
नई दिल्ली:
यूपी विधानसभा में प्लास्टिक विस्फोटक मिलने के बाद देशभर में विधानसभाओं की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया जा रहा है, हालांकि संसद भवन में ये खबर आने से एक दिन पहले ही यानी गुरुवार को सारी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया. यह अभ्यास छह से आठ घंटे तक चला और इसमें सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी सारी एजेंसिंया शामिल रहीं. सूत्रों के अनुसार- संसद भवन में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. खास जोर ह्यूमन इंटेलिजेंस पर है. इसके लिए गुप्तचर एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है. न सिर्फ संसद भवन में आने-जाने वाले बल्कि वहां आने वाले सामान और दस्तावेजों के बारे में भी सूचनाएं इकट्ठा की जा रही हैं. गुप्तचर एजेंसियां संसद भवन के आसपास के इलाकों में हो रही गतिविधियों पर भी नजर रख रही हैं.
इस बार सुरक्षा व्यवस्था पर ज्यादा जोर इसलिए भी है क्योंकि सोमवार को राष्ट्रपति का चुनाव होना है और 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह होगा. इसी सत्र के दौरान उपराष्ट्रपति का चुनाव भी होगा.
बताया गया है कि संसद भवन के प्रवेश द्वारों पर वाहनों की छानबीन के लिए नए उपकरण लगाए गए हैं. इनके जरिए स्कैनिंग कर यह पता लगाया जा सकता है कि जिन वाहनों को संसद भवन के अंदर प्रवेश की इजाजत है उनमें किसी तरह का बदलाव तो नहीं किया गया है. हर प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षाकमी गाड़ी के भीतर झांककर उसमें बैठे व्यक्तियों की पहचान करते हैं. किसी भी तरह की गड़बड़ होने पर गाड़ी के आगे ऑटोमैटिक बैरिकेड आ जाएगा और वह आगे नहीं जा सकेगी.
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प्लास्टिक विस्फोटकों की तलाश के लिए संसद भवन में तैनात डॉग स्कवाड को खासतौर से प्रशिक्षित किया गया है. सूत्रों के अनुसार-संसद भवन में संसद सुरक्षा बल की अपनी डॉग स्कवाड के अलावा दिल्ली पुलिस और एसपीजी की भी डॉग स्कवाड होती है. ये प्रशिक्षित डॉग सूंघकर विस्फोटक का पता लगा सकते हैं. इसके लिए संसद के मुख्य भवन पर लगी एक्सरे मशीन में कोई संदिग्ध पावडर जैसी वस्तु मिलने पर उन्हें अलग कर उनका वहीं पर परीक्षण करने का इंतजाम भी किया गया है. सूत्रों के अनुसार संसद भवन की सुरक्षा पर खासतौर से ध्यान दिया गया है. वहां पर ड्रोन से हमले होने की आशंका को नाकाम करने का इंतजाम भी किया गया है.
इस बार सुरक्षा व्यवस्था पर ज्यादा जोर इसलिए भी है क्योंकि सोमवार को राष्ट्रपति का चुनाव होना है और 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह होगा. इसी सत्र के दौरान उपराष्ट्रपति का चुनाव भी होगा.
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