Pamgarh Election Results 2023: जानें, पामगढ़ (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

पामगढ़ विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 194914 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 50129 ने बसपा उम्मीदवार इंदू बंजारे को वोट देकर जिताया था, जबकि 47068 वोट पा सके कांग्रेस प्रत्याशी गोरेलाल बर्मन 3061 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Pamgarh Election Results 2023: जानें, पामगढ़ (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 7 तथा 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

आज से 22 साल पहले मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य के मध्य क्षेत्र में मौजूद है जांजगीर-चम्पा जिला, जहां बसा है पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 194914 मतदाता थे, और उन्होंने बसपा उम्मीदवार इंदू बंजारे को 50129 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार गोरेलाल बर्मन को 47068 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 3061 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में पामगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार अंबेश जांगरे ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 45342 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर बीएसपी उम्मीदवार दूजराम बौद्ध को 37217 वोट मिल पाए थे, और वह 8125 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बीएसपी उम्मीदवार दूजराम बौद्ध को कुल 39534 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी अंबेश जांगरे दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 33579 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 5955 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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ध्यान रहे कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद पर बैठे थे. इन्हीं नतीजों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह की 15 साल तक चली सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया था, क्योंकि इस चुनाव में BJP महज़ 15 सीटें अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता कैसे बदली, इसे समझने के लिए वर्ष 2013 के चुनाव नतीजों पर भी नज़र डालनी होगी. उस समय BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर 1 फीसदी से भी कम रहा था. अब भूपेश बघेल सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, जबकि BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.