
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने नये आतंकी संगठन 'टेरोरिस्ट रिवाइवल फोर्स यानी की 'टीआरएफ' के जरिये कश्मीर में सुरक्षाबलों पर असाधारण तरीके से हमले की योजना बना रहा है. खुफिया सूत्रों का कहना है कि अगर ये हमला सफल होता है तो दावा किया जाएगा कि कश्मीर के लोकल आतंकी संगठन ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. सुरक्षाबलों का ये भी कहना है कि गुरुवार को पुलवामा में कार में आइइडी के जरिये सुरक्षाबलों पर हमला करना इसी आतंकी संगठन का असफल प्रयास हो सकता है.
यह कार 60 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक से लदी हुई थी. यह कितना खतरनाक हो सकता था कि इस बात का अंदाजा इसका पता इस बात से भी चलता है कि एक ब्रह्मोस मिसाइल में 200 किलोग्राम का वारहेड होता है जबकि कार में इसका एक तिहाई विस्फोटक था. इस साजिश के तहत 40-50 सीआरपीएफ जवानों को लेकर चलने वाले वाहन पर इसके जरिए हमला होता तो कितना जानमाल का नुकसान हो सकता था. सुरक्षाबलों ने इस कार को उड़ाकर आतंकियों की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया और पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं की वो मंशा धरी की धरी में जिसमें वे पिछले साल हुए पुलवामा हमले से बड़ा धमाका करने की फिराक में थे.
सुरक्षाबलों की मानें तो दो हफ्ते पहले सीआरपीएफ के जवानों ने बडगाम में नाका तोड़कर भागते एक संदिग्ध व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी. जानकारी के मुताबिक यह वास्तव में चेकपोस्ट से गुजरने का एक ट्रायल रन था. हालांकि उस वक्त उस घटना को मात्र 'यातायात उल्लंघन' के रूप में खारिज कर दिया गया था. सही में तकनीकी रूप से देखे तो यह एक बहुत ही सामान्य 'यातायात उल्लंघन' था. इस बार भी सेना ने वाहन पर गोलीबारी की जिसका चालक भागने में सफल रहा.
टीआरएफ के कारनामों के जरिए कश्मीर के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में रखने से पाकिस्तान को मदद मिलेगी. लोगों का ध्यान भी बंटेगा कि लश्कर , हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को पालता-पोसता है.
आईएसआई यह सबकुछ योजनाबद्ध तरीके कर रही है. इमरान खान जानबूझकर सेना की कार्रवाई को गलत ठहरा रहा हैं. अगर यह हमला सफल हो गया था तो पाकिस्तान ट्विटर पर ISPR के शानदार हैशटैग अभियान के अलावा 'इमरान खान जिंदाबाद', 'इमरान खान जिंदाबाद का प्रोपेगेंडा फैला रहा होता. पाकिस्तान चीन के साथ भारत के गतिरोध का भी लाभ उठा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा.
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