पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने आज कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से मुलाकात की और विदेश सचिव एस. जयशंकर के इस्लामाबाद दौरे के समय भारत और पाकिस्तान के बीच हुई वार्ता के मुद्दों से उन्हें अवगत कराया।
बैठक के दौरान दोनों के बीच जम्मू-कश्मीर की विभिन्न घटनाओं पर भी चर्चा हुई, जहां अलगाववादी नेता मसर्रत आलम की रिहाई को लेकर राजनीतिक विवाद मचा बना हुआ है। बैठक आधे घंटे से ज्यादा वक्त तक चली।
सूत्रों के मुताबिक बासित ने गिलानी को जयशंकर के पिछले हफ्ते इस्लामाबाद दौरे के समय वार्ता के मुद्दों से अवगत कराया। सात महीने पहले भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त के कश्मीरी अलगाववादियों से बात करने के कारण ही भारत-पाक वार्ता रद्द कर दी थी।
जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी की सरकार में होने वाली राजनीतिक घटनाओं पर भी उन्होंने चर्चा की। बासित ने उन्हें 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस पर भी आमंत्रित किया है।
बैठक के बाद गिलानी ने कहा कि उन्होंने बासित को बताया कि कश्मीर मुख्य मुद्दा है और अगर इसे सुलझा लिया जाता है तो अन्य मुद्दों को आसानी से सुलझा लिया जाएगा।
पाकिस्तान ने अपनी रणनीति बदल दी है, पहले जो भारत और पाकिस्तान के बीच किसी द्विपक्षीय मुलाकात और बातचीत के दौरान या उसके पहले पाकिस्तानी राजनयिक और नेताओं के बीच जो मुलाकात होती थी, वह इस बार भारत-पाक विदेश सचिवों के मुलाकात के बाद हुई है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि पिछले अगस्त में दोनों देशों के विदेश सचिवों की मुलाकात से पहले जब हुर्रियत नेता पाकिस्तानी उच्चायुक्त से मिले थे, तब मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की प्रक्रिया ही रोक दी थी। हालांकि इस मुलाकात पर भी कांग्रेस सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार से अपना रुख साफ करने की मांग कर रही है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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