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पहलगाम आतंकी हमले का दसवां दिन, 10 मेजर अपडेट्स में जानिए अभी तक के सभी बड़े खुलासे

पहलगाम हमले के 9 दिन बाद इस मामले में अभी तक क्या कुछ बड़े खुलासे हुए पढ़िए इस रिपोर्ट में.

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 9 दिन पूरे हो गए है. 22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी बेगुनाह सैलानियों से धर्म पूछकर गोली मार दी थी. इस घटना में 25 पर्यटक और एक स्थानीय व्यक्ति की हत्या की गई थी. कई लोग घायल भी हुए. आतंकियों ने बीबी-बच्चों के सामने पुरुषों को अपना शिकार बनाया. इस हमले में कई ऐसे लोग भी मारे गए, जिनकी शादी के कुछ ही महीने बीते थे. पहलगाम की घटना को लेकर पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है.  पूरा देश आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है. 

'ऐसी सजा मिलेगी, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी'

सरकार भी इस घटना के बाद दशहतगर्दों को ऐसा सबक सिखाने की प्लानिंग में जुटी है, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी. पीएम मोदी ने खुद कहा कि आतंकियों को ऐसी सजा मिलेगी, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी. पहलगाम हमले के 9 दिन बाद इस मामले में अभी तक क्या कुछ बड़े खुलासे हुए पढ़िए इस रिपोर्ट में. 

1. आतंकियों के निशाने पर बैसरन के अलावा और 3 और लोकेशन थे

पहलगाम हमले की जांच NIA कर रही है. गुरुवार को NIA सूत्रों से इस मामले की जांच से जुड़े बड़े खुलासे हुए. पता चला कि जिन आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया है वो 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच गए थे. आतंकियों के टारगेट पर पहलगाम के अलावा तीन और लोकेशन- आरु घाटी, एम्यूजमेंट पार्क और बेताब घाटी भी थी. 

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2. घाटी में 3 सेटेलाइट फोन का हुआ था इस्तेमाल, 2 हुए ट्रेस

NIA की जांच में अभी तक 20 के करीब OGW(ओवर ग्राउंड वर्कर) की पहचान की जा चुकी है, जिनमे से कई OGW की गिरफ्तारी की जा चुकी है. 4 ओवर ग्राउंड वर्कर ने पाकिस्तानी आतंकियों को रेकी करने में मदद की थी. घाटी में 3 सेटेलाइट फोन के इस्तेमाल के सबूत भी मिली. इनके 2 फोन के सिग्नल जांच एजेंसियों ने ट्रेस कर लिए है.

3. आतंकी हर अपडेट अपने आकाओं तक पहुंचा रहे थे 

आतंकियों के पास कैमरे और सैटेलाइट फोन भी थे जिससे वो सीधे तौर पाकिस्तान के संपर्क में थे. जांच के दौरान दावे किए जा रहे हैं कि उन्हें पाकिस्तान में छिपे आतंकियों के तरफ से निर्देशित भी किए जा रहे थे. घटना को अंजाम देने वाले आतंकी पूरा अपडेट पाकिस्तान में छिपे अपने आका तक पहुंचा रहे थे. 

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 4. पाक आर्मी का कमांडो हाशिम मूसा वारदात में मुख्य किरदार

NIA सूत्रों की मानें तो इस हमले में हाशिम मूसा का किरदार सबसे अहम था. हाशिम पहले पाकिस्तान की पैरा मिलिट्री में शामिल था. बाद में उसे वहां से निकाल दिया गया. इसके बाद वह भारत में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि मूसा पाकिस्तानी सेना के कहने पर लश्कर में शामिल हुआ था. उसे केवल दिखावे के लिए ही SSG से निकाला गया था. हाशिम मूसा सीमा पार कर सितंबर 2023 में भारत आ गया था. वह कश्मीर के बडगाम जिले में सक्रिय था.

5. सोनमर्ग टनल में भी इसी टेरर मॉड्यूल ने मचाया था आतंक

पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों का संबंध सोनमर्ग टनल में हुए आतंकी हमले की घटना से जुड़ा है. अक्टूबर 2024 में ही सोनमर्ग में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था. जिसमें टनल में काम कर रहे 6 मजदूर और एक डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी. सोनमर्ग में हुए हमले के बाद दिसम्बर 2024 में सुरक्षाबलों ने दाचीगाम में इस मॉड्यूल के एक आतंकी जुनैद अहमद भट्ट को मार गिराया था. लश्कर से जुड़ा आतंकी जुनैद अहमद भट्ट कुलगाम का रहने वाला था और A+ कैटेगरी का आतंकी था.

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6.  पहलगाम हमले के तीन आतंकियों के स्केच जारी, इसमें दो पाकिस्तानी

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बीते गुरुवार को पहलगाम हमले से जुड़े तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं. इनमें से दो पाकिस्तानी नागरिक हैं: हाशिम मूसा उर्फ ​​सुलेमान और अली भाई उर्फ ​​तल्हा है. तीसरा, अब्दुल हुसैन थोकर, कश्मीर के अनंतनाग का निवासी है. पुलिस ने इनपर 20 लाख रुपये का नकद इनाम रखा है. 

7. एक से 7 अप्रैल के बीच आतंकियों ने की थी होटल की रेकी

सुरक्षा एजेंसियों को हमलों को अंजाम देने के पीछे पाकिस्‍तान के आतंकी संगठनों पर शक है. सुरक्षा एजेंसियों को हमले के बीच सबसे ज्‍यादा लश्‍कर ए तैयबा के होने का शक है. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, एक से सात अप्रैल के बीच कुछ होटलों की रेकी की गई थी. केंद्रीय एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, तीन से ज्‍यादा आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया है. 

8. लश्कर के हाइली ट्रेंड आतंकियों ने दिया अंजाम

इस ऑपरेशन में इस मॉड्यूल के बाकी आतंकी भाग गए थे. लश्कर ए तैयबा का ये मॉड्यूल बेहद खतरनाक है. इस मॉड्यूल में शामिल आतंकी हाइली ट्रेंड है. घाटी में एक बड़े हमले के बाद ये अंडर ग्राउंड हो जाते हैं और फिर छिपकर घने जंगलों में ही रहते हैं. फिर दुबारा जब इन्हें पाकिस्तानी हैंडलर हमले का आदेश देते हैं तो फिर ये अगला हमला करने के लिए बाहर आते हैं. इस मॉड्यूल में अधिकतर FT यानि फॉरेन टेररिस्ट है.

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9. लश्कर से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली हमले की जिम्मेदारी

केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के से जुड़े- द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली है. द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक प्रॉक्सी आतंकी संगठन है, जिसका गठन 2019 में जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुआ था. इसकी शुरुआत एक ऑनलाइन यूनिट के रूप में हुई थी. लेकिन तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद जैसे मौजूदा संगठनों के तत्वों को मिलाकर यह तेजी से एक पूरी तरह के आतंकवादी समूह में विकसित हो गया.

10. पहलगाम हमले के बाद भारत पर 10 लाख साइबर अटैक

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत पर साइबर अटैक की बाढ़ आ गई है. महाराष्ट्र साइबर सेल की रिपोर्ट 'इकोज़ ऑफ़ पहलगाम' में दावा किया गया है कि 23 अप्रैल के बाद से अब तक भारत पर लगभग 1 मिलियन यानी की 10 लाख साइबर हमले किए जा चुके हैं. इन हमलों के पीछे पाकिस्तान, मिडल ईस्ट, मोरक्को और इंडोनेशिया जैसे देशों से संचालित इस्लामिक साइबर ग्रुप्स का हाथ बताया जा रहा है.

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