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This Article is From Dec 29, 2019

अमित शाह ने राहुल गांधी को दी नागरिकता कानून पर बहस की चुनौती, पी चिदंबरम ने दिया जवाब

पी. चिदंबरम ने कहा, 'अमित शाह थोड़ा सा पीछे देखें और राज्यसभा और लोकसभा में हुई डिबेट सुनें. उन्होंने इस कानून से जुड़े एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया और अब वो राहुल गांधी को इस मुद्दे पर डिबेट के लिए चैलेंज कर रहे हैं.

अमित शाह ने राहुल गांधी को दी नागरिकता कानून पर बहस की चुनौती, पी चिदंबरम ने दिया जवाब
पी. चिदंबरम ने तिरुवनंतपुरम रैली में अमित शाह को जवाब दिया. (फाइल फोटो)
तिरुवनंतपुरम:

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) का देशभर में विरोध हो रहा है. कई राज्यों में छात्र व विपक्षी दलों के नेता इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. मोदी सरकार इस कानून को वापस लेने से साफ इंकार कर चुकी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि सरकार किसी भी सूरत में इस कानून को वापस नहीं लेगी. गृह मंत्री ने इस बिल पर बहस के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को चुनौती भी दे डाली. बहस के मुद्दे पर अब पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम (P Chidambaram) ने अमित शाह को जवाब दिया है.

तिरुवनंतपुरम में एक रैली को संबोधित करते हुए पी. चिदंबरम ने कहा, 'अमित शाह थोड़ा सा पीछे देखें और राज्यसभा और लोकसभा में हुई डिबेट सुनें. उन्होंने इस कानून से जुड़े एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया और अब वो राहुल गांधी को इस मुद्दे पर डिबेट के लिए चैलेंज कर रहे हैं. इस कानून से जुड़ी हर बात गलत है.' मोदी सरकार पर नागरिकता बिल को जल्दबाजी में पास कराने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, '8 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी मिली. 9 दिसंबर को उन्होंने इसे लोकसभा में पेश कर दिया और दोपहर 12 बजे ये सदन से पारित हो गया. 11 दिसंबर को इन्होंने इस बिल को राज्यसभा में पेश किया और ये वहां से भी पारित हो गया. केंद्र सरकार ने इस बिल को तीन दिनों में पारित करवा लिया.'

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नागरिकता कानून को लेकर देशभर में हो रहे विरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'हजारों की संख्या में छात्र व युवा इसके खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं. जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उनमें बड़ी संख्या में हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, पारसी, दलित और आदिवासी शामिल हैं. ये आंदोलन उन लोगों के लिए एक संघर्ष है जो मानते हैं कि वो भारतीय हैं. हर किसी की अलग पहचान है लेकिन हमारी एक जो सबसे बड़ी पहचान है और वो ये है कि हम भारतीय हैं. भारत में सभी बराबर हैं. ये कानून हमारे संविधान के मूल को खत्म कर रहा है.'

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बताते चलें कि पी. चिदंबरम ने भारतीय सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत को उनके 'नेतृत्व' वाले बयान के लिए भी नसीहत दी. पूर्व गृह मंत्री ने कहा, 'ये सेना का काम नहीं है कि वो नेताओं को ये बताए कि हमें क्या करना चाहिए. युद्ध कैसे लड़ा जाए, आपको ये बताना हमारा काम नहीं है. आप अपने विचारों और रणनीति के अनुसार युद्ध लड़ें और हम देश की राजनीति को संभालेंगे.'

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