कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद
नई दिल्ली:
पिछले कई दिनों से लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के कारण कोई काम नहीं हो पा रहा है. बुधवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में कोई काम नहीं हो सका. बुधवार को राज्यसभा स्थगित होने के बाद विपक्षी पार्टियों ने सत्र बढ़ाए जाने की मांग की है. 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने एक बैठक के बाद कहा कि सरकार चाहे तो 2-3 दिन सत्र बढ़ा ले इसमें विपक्षी दलों को कोई आपत्ति नहीं है.
3 साल में 2.4 लाख करोड़ का कर्ज़ बट्टेखाते में डाला, ममता बनर्जी ने साधा केंद्र पर निशाना
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम 13 राजनीतिक दलों के लोग मिले, दो का और समर्थन है. विपक्ष कानून बनाना चाहता है, बिल पास हो इसलिए दोनों सदनों के सांसदों ने चुना है, स्टेट ने चुना है कि जनता की समस्या का उठाएं. बजट सत्र में हम जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं. बैंक फॉर्ड पर चर्चा चाहते हैं, सीबीएसई परीक्षा, 10-12 दिन से एससी/एसटी मुद्दा कानून को भटकाया गया और लोग मारे गए. विपक्ष के एक दर्जन से अधिक दलों के नेताओं ने बुधवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ओर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात कर राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की. नेताओं ने कहा कि संसद के दोनों सदन में 20 दिन से गतिरोध बने रहने के बीच कांग्रेस, बसपा, सपा, द्रमुक, राकांपा एवं वाम दलों के नेताओं ने चर्चा नहीं होने के बारे में आपस में बातचीत की. विपक्षी नेताओं ने नायडू एवं सुमित्रा से मुलाकात की तथा एससी-एसटी कानून, सीबीएसई परीक्षा पत्र लीक तथा पीएनबी घोटाले को जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की. कांग्रेस ने कहा कि यदि सत्र को एक या दो दिन के लिए बढ़ा दिया जाए तो उसे कोई परेशानी नहीं होगी.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘हम राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं तथा विधेयकों को पारित करना चाहते हैं. सरकार को इस मामले में पहल करनी चाहिए. यदि सत्र को एक या दो दिन के लिए बढ़ाया जाता है तो हमें कोई परेशानी नहीं है.’ वहीं राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और अन्नाद्रमुक द्वारा विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामेदार विरोध करने से एक बार फिर सदन की कार्यवाही बाधित रही. सदन की बैठक आरंभ होते ही राजस्थान, ओडिशा, कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश से निर्वाचित होकर आए राज्यसभा सदस्यों ने अपने पद की शपथ ली.
इसके तत्काल बाद तेदेपा, अन्नाद्रमुक और कांग्रेस के सदस्य 'आंध्रप्रदेश बचाओ', 'नरेंद्र मोदी दलित विरोधी' और 'हमारी मांग कावेरी बोर्ड' के नारे सभापति के आसन के पास इकट्ठा हो गए. उनके साथ कुछ अन्य दलों के भी सांसद थे. तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में पोस्टर भी लहराए.
नायडू ने उनसे शांत होने और सदन के पटल पर प्रस्ताव रखकर अपने मसले को उठाने को कहा, लेकिन उनकी अपील को नजरअंदाज कर दिया गया. कांग्रेस सदस्यों ने एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों को नरम करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध किया.
विपक्षी सदस्यों के हंगामा के बीच संसदीय कार्यमंत्री विजय गोयल ने मोदी सरकार को दलित विरोधी बताने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की. सदस्यों के व्यवहार पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए नायडू ने कहा, "कई विधेयक लंबित हैं. लोग विकास और कानून चाहते हैं. विरोध से कोई फायदा नहीं हो होने वाला. मैं आपको हर मसले पर विमर्श करने की अनुमति देने को तैयार हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आसन चर्चा की अनुमति दे रहा है, लेकिन सदस्य इसके लिए तैयार नहीं है. आप लोगों के धर्य की परीक्षा ले रहे हैं. पूरा देश आपको देख रहा है. आप लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं."
हंगामा जारी रहने के काण नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही दोहपर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
3 साल में 2.4 लाख करोड़ का कर्ज़ बट्टेखाते में डाला, ममता बनर्जी ने साधा केंद्र पर निशाना
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम 13 राजनीतिक दलों के लोग मिले, दो का और समर्थन है. विपक्ष कानून बनाना चाहता है, बिल पास हो इसलिए दोनों सदनों के सांसदों ने चुना है, स्टेट ने चुना है कि जनता की समस्या का उठाएं. बजट सत्र में हम जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं. बैंक फॉर्ड पर चर्चा चाहते हैं, सीबीएसई परीक्षा, 10-12 दिन से एससी/एसटी मुद्दा कानून को भटकाया गया और लोग मारे गए. विपक्ष के एक दर्जन से अधिक दलों के नेताओं ने बुधवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ओर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात कर राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की. नेताओं ने कहा कि संसद के दोनों सदन में 20 दिन से गतिरोध बने रहने के बीच कांग्रेस, बसपा, सपा, द्रमुक, राकांपा एवं वाम दलों के नेताओं ने चर्चा नहीं होने के बारे में आपस में बातचीत की. विपक्षी नेताओं ने नायडू एवं सुमित्रा से मुलाकात की तथा एससी-एसटी कानून, सीबीएसई परीक्षा पत्र लीक तथा पीएनबी घोटाले को जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की. कांग्रेस ने कहा कि यदि सत्र को एक या दो दिन के लिए बढ़ा दिया जाए तो उसे कोई परेशानी नहीं होगी.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘हम राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं तथा विधेयकों को पारित करना चाहते हैं. सरकार को इस मामले में पहल करनी चाहिए. यदि सत्र को एक या दो दिन के लिए बढ़ाया जाता है तो हमें कोई परेशानी नहीं है.’ वहीं राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और अन्नाद्रमुक द्वारा विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामेदार विरोध करने से एक बार फिर सदन की कार्यवाही बाधित रही. सदन की बैठक आरंभ होते ही राजस्थान, ओडिशा, कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश से निर्वाचित होकर आए राज्यसभा सदस्यों ने अपने पद की शपथ ली.
इसके तत्काल बाद तेदेपा, अन्नाद्रमुक और कांग्रेस के सदस्य 'आंध्रप्रदेश बचाओ', 'नरेंद्र मोदी दलित विरोधी' और 'हमारी मांग कावेरी बोर्ड' के नारे सभापति के आसन के पास इकट्ठा हो गए. उनके साथ कुछ अन्य दलों के भी सांसद थे. तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में पोस्टर भी लहराए.
नायडू ने उनसे शांत होने और सदन के पटल पर प्रस्ताव रखकर अपने मसले को उठाने को कहा, लेकिन उनकी अपील को नजरअंदाज कर दिया गया. कांग्रेस सदस्यों ने एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों को नरम करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध किया.
PM के 'मन की बात' पर किसने लिखी किताब - शौरी के दावे ने पैदा किया विवाद
अन्नाद्रमुक व द्रमुक सदस्यों ने तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी नदी जल बटवारे के मसले के लिए कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन करने की मांग की. वहीं, तेदेपा ने आंध्रप्रदेश के लिए विशेष दर्जा की मांग करते हुए पोस्टर दिखाकर विरोध जताया.विपक्षी सदस्यों के हंगामा के बीच संसदीय कार्यमंत्री विजय गोयल ने मोदी सरकार को दलित विरोधी बताने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की. सदस्यों के व्यवहार पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए नायडू ने कहा, "कई विधेयक लंबित हैं. लोग विकास और कानून चाहते हैं. विरोध से कोई फायदा नहीं हो होने वाला. मैं आपको हर मसले पर विमर्श करने की अनुमति देने को तैयार हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आसन चर्चा की अनुमति दे रहा है, लेकिन सदस्य इसके लिए तैयार नहीं है. आप लोगों के धर्य की परीक्षा ले रहे हैं. पूरा देश आपको देख रहा है. आप लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं."
हंगामा जारी रहने के काण नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही दोहपर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं