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This Article is From May 24, 2025

क्षमा शोभती उस भुजंग को... ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को लेकर अब आगे क्या? रविशंकर प्रसाद ने बताया

Operation Sindoor Next Step: रविशंकर प्रसाद ने कहा, "कुछ तो बोलेंगे. इस वक्त इस पर चर्चा करना उचित नहीं है. हम चाहते हैं कि सब एक स्वर में बोलें. ममता जी नहीं चाहती थीं कि उनकी पार्टी से कोई डेलिगेशन में जाए, अब वो भी मान गईं."

नई दिल्ली:

Operation Sindoor Next Step: ऑपरेशन सिंदूर की गूंज से पाकिस्तान तो थर्राया ही लेकिन दुनिया के हर कोने में भी इसकी धमक पहुंची. अब इस ऑपरेशन पर पाकिस्तान के फैलाए गए झूठ को बेनकाब करने के लिए भारतीय नेताओं का डेलिगेशन अलग-अलग देशों का दौरा कर रहा है. इनमें से एक दल की अगुवाई कर रहे रविशंकर प्रसाद से एनडीटीवी के मनोरंजन भारती ने बात की. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद के साथ सर्वदलीय नेताओं की टीम यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क और यूरोपियन यूनियन का दौरा करेगी. 

एनडीटीवी से बातचीत में रविशंकर प्रसाद ने कहा, "मैं बहुत कृतज्ञ हूं पीएम मोदी का कि उन्होंने ये दायित्व दिया है. भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण में ये सोच देखिए आप. पूरी दुनिया में ऑल पार्टी डेलिगेशन और सिर्फ दो भाजपा के हैं. मैं और जयंत पांडा. बाकी या तो सहयोगी दलों के हैं या तो विपक्षी दलों के हैं. कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता भी हैं. तो हमें एकता की बात कहनी है. भारत सद्भाव में विश्वास करता है. भारत शांति में विश्वास करता है.  लेकिन भारत ने वो मंत्र भी नहीं छोड़ा है-क्षमा शोभती उस भुजंग को, जिसके पास गरल हो. अगर तुम हिंदुस्तानियों को मारोगे तो घर में घुसकर जवाब देंगे. हमने घर में घुसकर जवाब दिया और जिस तरह से दुनिया ने भारत के साथ सहयोग किया उस पर हम चर्चा करेंगे." 

दौरे में किन-किन से मिलेंगे

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अभी प्रोग्राम तय होगा. वहां के मंत्रियों से मिलेंगे. सिविल सोसायटी के लोगों से मिलेंगे, बुद्धिजीवियों से मिलेंगे. थिंकटैंक से मिलेंगे. हमारे जो भारतीय मूल के लोग हैं उनसे मिलेंगे. देखिए दूसरी बात आप समझिए नरेंद्र मोदी जी ने भारत का कद बहुत बड़ा किया है. हम दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से 11 गुना बड़ी है. हम बताएंगे कि इसके बाद भी हम विकास करना चाहते हैं. शांति चाहते हैं, लेकिन निर्दोष भारतीयों के अब अगर हमला होगा तो हमें उसका जवाब देना पड़ेगा. और ये जानना इसलिए जरूरी है कि 1948 की लड़ाई हुई, 65 की हुई, 71 की हुई,  1999 का करगिल हुआ, मुंबई अटैक हुआ, 92-93 में मुंबई जली, दिल्ली में संसद पर हमला हुआ. प्रधानमंत्री जी ने नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था. उनके एकाएक कहने पर उनके नाती की शादी में चले गए थे. हमें क्या मिला उरी? पुलवामा और अब पहलगाम. भारत कभी भी अग्रेसर नहीं रहा है. इस बात को नोट किया जाए, लेकिन आतंकवाद दुनिया का कैंसर है. इसे हम बताएंगे. और दूसरी बात जो जरूरी है कि ऐसा क्या है कि दुनिया में कहीं भी आतंकवाद की घटना होती है तो एक बड़े शक की सूई और केंद्र पाकिस्तान होता है.  ओसामा बिन लादेन वहीं पकड़ा गया, जो डेनियल पर्ल का गला काटा गया, वो पाकिस्तान के लोग थे, आज दुनिया के सबसे खतरनाक घोषित आतंकवादी कहां हैं, पाकिस्तान में हैं.  ये बातें हम दुनिया को बताएंगे.

क्या ये बातें इन देशों को मालूम नहीं

बीजेपी नेता ने कहा, "देखिए, कूटनीति में वन टू वन कान्टैक्ट महत्वपूर्ण होता है. इस पहल में सबसे महत्वपूर्ण ये है कि इसमें सभी दल एक साथ हैं. इसमें ओवैसी साहब भी हैं, गुलाम नबी आजाद भी हैं. तो इस तरह से सब लोग जाकर अरब देशों में बोलेंगे तो एक बड़ी बात होगी. इस खतरे को भारत-पाकिस्तान मत मानें आप. ये खतरा दुनिया का है. आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी के रूप में इस्तेमाल करना बेहद खतरनाक है. जिन्ना ने बनाया पाकिस्तान, वो बन गई जनरलों की दुकान, यही तो है पाकिस्तान. पीएम मोदी ने साफ किया है कि हम आतंकवादी और उसको संरक्षण देने वालों में कोई फर्क नहीं करेंगे."   

विपक्ष साथ फिर आवाज क्यों

रविशंकर प्रसाद ने कहा, "कुछ तो बोलेंगे. इस वक्त इस पर चर्चा करना उचित नहीं है. हम चाहते हैं कि सब एक स्वर में बोलें. ममता जी नहीं चाहती थीं कि उनकी पार्टी से कोई डेलिगेशन में जाए, अब वो भी मान गईं. राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं. आप कैसी राजनीति करना चाहते हैं, ये आपका विषय है पर ऐसा बयान तो न दें कि पाकिस्तान के लोग आपके बयान पर ताली बजाएं."   

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