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ऑपरेशन सिंदूर : सैन्य और कूटनीतिक दोनों मोर्चों पर भारत की जीत

भारत ने सीजफायर अपनी शर्तों पर किया है. केवल सैन्य कार्रवाई रोकी गई है और सिंधु जल संधि का निलंबन और पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करने जैसे नीतिगत फैसले अब भी प्रभावी हैं.

ऑपरेशन सिंदूर : सैन्य और कूटनीतिक दोनों मोर्चों पर भारत की जीत
कर्नल सोफिया कुरैशी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को तड़के 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था और इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से किए गए दुस्साहस को भारत ने न सिर्फ नाकाम किया, बल्कि ऐसे दुस्साहस के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कई लॉन्चिंग पैड भी पूरी तरह ध्वस्त कर दिए. इन सबके बीच भारत ठोस और सटीक, लेकिन लक्ष्य तक सीमित कार्रवाई करने और आम लोगों को नुकसान न पहुंचाने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहा.

'पाकिस्तान ने लगाई युद्ध विराम की गुहार'

एक तरफ जहां आतंकवाद के खिलाफ हमारी सेना ने उपलब्धि हासिल की, वहीं कूटनीतिक स्तर पर भी हम सफल रहे. सूत्रों ने स्पष्ट किया कि सीजफायर की गुहार पाकिस्तान ने लगाई थी. फोन उसके डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स) की तरफ से किया गया था.

उन्होंने बताया कि भारत ने युद्धविराम अपनी शर्तों पर किया है. केवल सैन्य कार्रवाई रोकी गई है और सिंधु जल संधि का निलंबन तथा पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करने जैसे नीतिगत फैसले अब भी प्रभावी हैं. इसके अलावा, उन्होंने युद्ध में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका से भी इनकार किया है.

'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धियां इस प्रकार हैं -

9 आतंकी शिविर नष्ट किए गए : भारत ने पाकिस्तान और पीओके में नौ प्रमुख आतंकवादी शिविर ध्वस्त कर दिए, जिनका इस्तेमाल आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने और जम्मू-कश्मीर में भेजने के लिए लॉन्चपैड के रूप में किया जा रहा था. ये आतंकवादी शिविर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के थे.

पाकिस्तान की मुख्य भूमि तक की कार्रवाई: भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर सैकड़ों किलोमीटर तक अपने लक्ष्य पर सटीक हमले किए. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भी हमले किए गए, जिसे पाकिस्तान की सेना का रणनीतिक गढ़ माना जाता है. बहावलपुर में संवेदनशील आतंकवादी ठिकानों तक भी भारतीय सेना पहुंच गई, जहां अमेरिका ने भी अपने ड्रोन भेजने की हिम्मत नहीं की थी.

पाकिस्तान के कमजोर एयर डिफेंस सिस्टम की खुली पोल: भारतीय सेना ने पाकिस्तान के वायु रक्षा ग्रिड को सफलतापूर्वक बायपास या जाम कर दिया. कुल 23 मिनट की अवधि में किए गए हमलों की तेज और सटीक प्रकृति ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणालियों में कमियों को उजागर किया. एससीएएलपी मिसाइलों और हैमर बमों से लैस भारतीय राफेल जेट ने बिना किसी नुकसान के मिशन को अंजाम दिया, जिससे तकनीकी और रणनीतिक श्रेष्ठता का प्रदर्शन हुआ.

बिना तनाव को बढ़ावा दिए लक्ष्य को सटीक निशाना बनाया: भारत ने किसी भी सैन्य या नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना नहीं बनाया, केवल आतंकवादियों के ठिकानों और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया. भारत ने व्यापक तनाव से बचते हुए अपने जीरो टॉलरेंस सिद्धांत का पालन किया.

प्रमुख आतंकवादियों का सफाया: भारत की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल लोगों सहित कई खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया गया. एक ही रात में कई आतंकी मॉड्यूल के नेतृत्व का सफाया कर दिया गया.

तीनों सेनाओं का तालमेल: भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना ने समन्वित हमले किए, जो भारत की बढ़ती संयुक्त युद्ध क्षमता का सबूत है.

दुनिया को दिया संदेश: भारत ने दुनिया को दिखाया कि अपने लोगों की रक्षा के लिए हम अनुमति का इंतजार नहीं करेंगे. आतंक को कभी भी, कहीं भी दंडित किया जाएगा. इस ऑपरेशन ने यह भी दिखाया कि आतंकवादियों और उनके आकाओं के पास छिपने के लिए कोई जगह नहीं है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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