
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के जरिए पाकिस्तान और पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं को करारा जवाब दिया है. पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए भारत ने यह ऑपरेशन शुरू किया था. सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है और यह भारत की रणनीतिक स्थिति में बदलाव को दिखाता है. इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए और बता दिया है कि आतंक के खिलाफ उसकी रणनीति बेहद स्पष्ट है.
सूत्रों ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है और यह आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण में एक नई सामान्य स्थिति का संकेत देता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान को नई वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए और अब हमेशा की तरह काम करने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
ऑपरेशन सिंदूर के तीन मकसद
सैन्य मकसद
लक्ष्य: मिट्टी में मिला देंगे.
हासिल: आधे घंटे में मिट्टी में मिला दिया.
राजनीतिक मकसद
लक्ष्य: खून और पानी साथ साथ नहीं बह सकता.
हासिल: सिंधु नदी समझौते को आतंकवाद से जोड़ दिया.
मनोवैज्ञानिक मकसद
लक्ष्य: घुस कर मारेंगे.
हासिल: घुस कर मारा, आतंकवादियों के मुख्यालयों को तबाह किया.
भारत-अमेरिका संवाद
- जेडी वेंस का फोन 9 मई की रात को आया.
- पीएम मोदी से उन्होंने रास्ता पूछा क्या हो सकता है.
- पीएम मोदी का साफ संदेश, गोली आएगी तो गोला मारेंगे.
भारत ने हासिल किया लक्ष्य
- 9 मई की रात को पाकिस्तान ने 26 जगहों पर हमला किया
- भारत ने पाकिस्तान के 8 सैन्य अड्डों पर धावा बोला, बड़ी तबाही
- इसके बाद पाकिस्तान सहम गया और अमेरिका के पास गया
- अमेरिका ने आसिम मुनीर से बात की
- फिर भारत के विदेश मंत्री से बात की
- विदेश मंत्री ने कहा DGMO स्तर पर ही बात होगी
- पाकिस्तान DGMO का फोन आया और सहमति बनी
सूत्रों ने क्या बताया?
- पहलगाम के बाद भारत के 3 प्राथमिक लक्ष्य - सैन्य, मनोवैज्ञानिक, राजनीतिक
- "बहावलपुर पर हमला आईएसआई के लिए एक सजा है"
- "चाहे आप कहीं भी हों, हम आपको मारेंगे. हम सैनिकों के लिए नहीं, बल्कि सांप के सिर के लिए गए हैं."
- पहलगाम के बाद यह स्पष्ट हो गया कि राष्ट्र अब बहुत सह चुका है.
- सिंधु जल समझौते पर, "पाकिस्तान आतंकवाद को अंजाम देने और इच्छित क्षेत्रों में सहयोग की उम्मीद नहीं कर सकता."
- पहलगाम के बाद "यह एक नई सामान्य स्थिति है, पहले जैसी स्थिति अब नहीं रहेगी."
- सात मई को 9 ठिकानों पर हमला किया गया और डीजीएमओ ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को फोन करके इसकी जानकारी दी और कहा, 'हमने यह कर दिया है, हम तनाव बढ़ाने में रुचि नहीं रखते.'
- भारत की सैन्य प्रतिक्रिया आनुपातिक रही है.
- अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी से कहा कि पाकिस्तान की ओर से व्यापक प्रतिक्रिया होगी और पाकिस्तानियों को एक ऐसा रास्ता चाहिए जो उन्हें स्वीकार्य हो.
- दो घंटे बाद पाकिस्तानियों ने कड़ा रुख अपनाया.
- इसके बाद भारत ने पाकिस्तानी वायुसेना के ठिकानों पर हमला किया.
- अमेरिकी विदेश मंत्री "मार्को रूबियो ने कहा कि पाकिस्तानी यह स्वीकार करने को तैयार हैं कि अगर भारत ने गोलीबारी नहीं की, तो हम भी गोलीबारी नहीं करेंगे"
- उसके बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ ने फोन किया.
अमेरिका ने किया फैसले का स्वागत
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त करने का स्वागत करते हुए कहा कि अगर शांति स्थापित नहीं होती तो लाखों लोग मारे जा सकते थे. अमेरिकी राष्ट्रपति दोनों देशों के बीच संभावित परमाणु हमले का संदर्भ दे रहे थे.
ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "मुझे भारत और पाकिस्तान के मजबूत और अडिग शक्तिशाली नेतृत्व पर बहुत गर्व है, क्योंकि उनके पास यह जानने और समझने की शक्ति, बुद्धि और धैर्य है कि वर्तमान आक्रमण को रोकने का समय आ गया है, जिससे बहुत से लोगों की मृत्यु और विनाश हो सकता था. लाखों अच्छे और निर्दोष लोग मारे जा सकते थे. आपकी विरासत आपके साहसी कार्यों से बहुत बढ़ गई है."
डोनाल्ड ट्रंप ने इस दावे पर जोर देना जारी रखा कि अमेरिका ने शांति स्थापित करने में मदद की और कश्मीर पर समाधान के लिए मध्यस्थता की पेशकश की है. हालांकि इस बीच भारत ने बार-बार जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को खारिज कर दिया है और स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है कि यह क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है.
पहलगाम हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचों पर हमले किए. पाकिस्तान ने बिना उकसावे के कई हमले किए, जिनका भारत ने प्रभावी ढंग से जवाब दिया है.
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