"तेलंगाना चुनाव जीतना ही एकमात्र एजेंडा": कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार

आज यानी सोमवार से शुरू हो रहे संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session 2023) को लेकर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्र बिना किसी एजेंडे के बुलाया जा रहा है.'

डीके शिवकुमार ने कहा कि विपक्षी गठबंधन INDIA को लोकसभा चुनाव 2024 जीतने में मदद करना भी Congress के एजेंडे में शामिल है.

हैदराबाद:

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने कहा है कि आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly Elections) जीतना ही कांग्रेस (Congress) का एकमात्र एजेंडा है. इसके साथ ही अगले साल लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Polls 2024) में विपक्षी गठबंधन INDIA जिसका वह भी एक हिस्सा है, को बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) पर जीत हासिल करने में मदद करना है.

रविवार को हैदराबाद में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक (CWC Meeting) के बाद डीके शिवकुमार ने कहा, "हमारा एकमात्र एजेंडा तेलंगाना (विधानसभा) चुनाव जीतना और INDIA को अगले आम चुनाव जीतने में मदद करना है. इसके अलावा इस समय कोई दूसरा एजेंडा नहीं है.

संसद का विशेष सत्र दुर्भाग्यपूर्ण, कोई  एजेंडा नहीं: डीके शिवकुमार

सोमवार से शुरू हो रहे संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session 2023) को लेकर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्र बिना किसी एजेंडे के बुलाया जा रहा है. उन्होंने  कहा," संसद के विशेष सत्र से यह स्पष्ट है कि देश में कोई कानून नहीं है. हमारे संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. इस विशेष संसदीय सत्र का कोई एजेंडा नहीं है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है,''

संसद का विशेष सत्र 22 सितंबर तक चलेगा

सूत्रों ने कहा है कि 22 सितंबर तक चलने वाला यह विशेष सत्र पुराने संसद भवन में शुरू होगा, लेकिन गणेश चतुर्थी के अवसर पर यह नए संसद भवन (New Parliament Building) में शिफ्ट हो जाएगा.

देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो: कांग्रेस

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इससे पहले, शनिवार को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' (INDIA) की पहल को वैचारिक एवं चुनावी सफलता दिलाने का संकल्प लिया था. पार्टी ने कहा था कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो तथा लोगों को एक पारदर्शी, जवाबदेह एवं जिम्मेदार केंद्र सरकार मिले.