राजस्थान के उदयपुर शहर में होने वाले कांग्रेस पार्टी के चिंतन शिविर में 'एक परिवार-एक टिकट' का नियम चर्चा के अहम बिंदु के तौर पर, (एक अहम शर्त के साथ) उभर सकता है. सूत्रों ने NDTV को यह जानकारी दी. उदयपुर में इस सप्ताह के अंत में आयोजित होने वाले चिंतन शिविर में पार्टी के प्रमुख सदस्य चुनावी रणनीति पर विचार करेंगे.पार्टी के एक नेता ने बताया कि सोमवार को सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में यह विवादित नियम, चर्चा के प्रस्तावों में से एक था. यदि उदयपुर में पार्टी में पार्टी के बड़े आयोजन में इसे मंजूरी मिलती है तो भी हो सकता है कि यह गांधी परिवार पर लागू न हो.
एक नेता ने बताया कि पार्टी, सामूहिक निर्णय में मदद के लिए संसदीय बोर्ड के पुनरुद्धार की शुरुआत भी कर सकती है. इसके साथ ही पार्टी ने 2024 के चुनावों में बीजेपी और 'घृणा की राजनीति' का मुकाबला करने का आव्हान सभी पार्टियों से किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस, बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई पर ध्यान केंद्रित करेगी और पिछले कुछ चुनावों की तरह विभाजनकारी और सांप्रदायिक प्रचार को मूल मुद्दे पर हावी नहीं होने देगी. इसके साथ ही चुनाव अभियानों के प्रबंधन और समन्वय के लिए पार्टी, एक महासचिव की अगुवाई में एक अलग इलेक्शन विंग और पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना पर भी विचार कर सकती है. पार्टी नेताओं के अनुसार इन प्रस्तावों पर उदयपुर के चिंतन शिविर में चर्चा होगी.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि चिंतन शिविर में कुल 422 नेता शामिल होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस कार्य समिति के सभी सदस्य, विशेष आमंत्रित सदस्य एवं स्थायी आमंत्रित सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, विधानमंडल दल के नेता, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, पूर्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, संयुक्त सचिव, पार्टी के विभिन्न विभागों के प्रमुख, महिला कांग्रेस की सभी पदाधिकारी, युवा कांग्रेस के सभी पदाधिकारी, एनएसयूआई के सभी पदाधिकारी तथा समन्वय समितियों के सदस्य और कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा चयनित लोग शामिल होंगे.''सुरजेवाला के अनुसार, ‘‘ चिंतन शिविर में शामिल होने वाले 50 प्रतिशत लोग 50 साल से कम आयु के हैं और इनमें भी करीब आधे 40 साल से कम उम्र के हैं. इनमें से 21 प्रतिशत महिलाएं हैं. समाज के भिन्न-भिन्न वर्गों से जुड़े लोगों को भी बुलाया गया है ताकि भारत की विविधता प्रतिबिंबित हो सके.'' उन्होंने बताया, ‘‘सीडब्ल्यूसी की बैठक में दो निर्णय किए गए. डिजिटल सदस्यता अभियान लगभग संपन्न हो चुका है. ऐसे में इसके लिए कांग्रेस के संविधान में संशोधन की जरूरत थी और इसका अनुमोदन किया गया. ''
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