उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हुई बातचीत का आज स्वागत करते हुए कहा कि मीडिया को अलग रख कर हुई इस बातचीत में ‘‘कुछ प्रगति’’ हो सकती है।
उमर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा ‘‘भारत और पाकिस्तान का वार्ता प्रक्रिया बहाल करना देख कर अच्छा लगा।’’ उन्होंने ट्वीट किया ‘‘एक दूसरे की राजधानियों तथा मीडिया से अलग हुई इस वार्ता से शायद थोड़ी प्रगति होगी।’’
विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेन्स के कार्यकारी अध्यक्ष भारत पाक संबंधों में अचानक आए मोड़ पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने आज थाईलैंड की राजधानी में बातचीत की। यह बातचीत आतंकवाद, जम्मू और कश्मीर सहित द्विपक्षीय मुद्दों पर केंद्रित थी और दोनों पक्ष ‘‘रचनात्मक’’ बातचीत को आगे ले जाने पर भी सहमत हुए।
उमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ की पेरिस में हाल ही में हुई मुलाकात सद्भावना भेंट से कहीं आगे थी।
उन्होंने कहा ‘‘स्पष्ट रूप से पेरिस की मुलाकात आधिकारिक तौर पर सद्भावना भेंट कहे जाने से कहीं ज्यादा आगे थी।’’ नेंका नेता ने कहा कि यह सुनिश्चित करना चुनौती है कि दोनों देशों के बीच वार्ता प्रक्रिया सुरक्षित रहे, खास तौर पर इसे बाधित करने वाले घटनाक्रम से।
उमर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा ‘‘भारत और पाकिस्तान का वार्ता प्रक्रिया बहाल करना देख कर अच्छा लगा।’’ उन्होंने ट्वीट किया ‘‘एक दूसरे की राजधानियों तथा मीडिया से अलग हुई इस वार्ता से शायद थोड़ी प्रगति होगी।’’
विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेन्स के कार्यकारी अध्यक्ष भारत पाक संबंधों में अचानक आए मोड़ पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने आज थाईलैंड की राजधानी में बातचीत की। यह बातचीत आतंकवाद, जम्मू और कश्मीर सहित द्विपक्षीय मुद्दों पर केंद्रित थी और दोनों पक्ष ‘‘रचनात्मक’’ बातचीत को आगे ले जाने पर भी सहमत हुए।
उमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ की पेरिस में हाल ही में हुई मुलाकात सद्भावना भेंट से कहीं आगे थी।
उन्होंने कहा ‘‘स्पष्ट रूप से पेरिस की मुलाकात आधिकारिक तौर पर सद्भावना भेंट कहे जाने से कहीं ज्यादा आगे थी।’’ नेंका नेता ने कहा कि यह सुनिश्चित करना चुनौती है कि दोनों देशों के बीच वार्ता प्रक्रिया सुरक्षित रहे, खास तौर पर इसे बाधित करने वाले घटनाक्रम से।
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