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This Article is From Jan 13, 2024

उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में फिल्म की शूटिंग की आलोचना की, हंसल मेहता ने कहा 'अपमानजनक'

जम्मू-कश्मीर विधानसभा परिसर में एक फिल्म की शूटिंग को मंजूरी दिए जाने की नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आलोचना की, निर्देशक हंसल मेहता की आई तीखी प्रतिक्रिया

उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में फिल्म की शूटिंग की आलोचना की, हंसल मेहता ने कहा 'अपमानजनक'
हंसल मेहता ने कहा- एक फिल्म को दिखाना कैसे लोकतंत्र या 'लोकतंत्र की जननी' को अपमानित कर सकता है?
मुंबई:

जम्मू-कश्मीर विधानसभा परिसर में एक फिल्म की शूटिंग को मंजूरी दिए जाने को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला द्वारा आलोचना किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्देशक हंसल मेहता ने कहा कि इस तरह के 'अस्वाभाविक रवैये' के कारण ही भारत को 'फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुकूल स्थान' नहीं माना जाता.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने शुक्रवार को विधानसभा परिसर के भीतर हुमा कुरैशी की फिल्म 'महारानी' की शूटिंग की अनुमति देने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन की आलोचना की थी और इसे 'बेहद शर्मनाक' बताया था.

'स्कैम 1992' और 'स्कूप' जैसी बेहतरीन वेब सीरिज के निर्माता हंसल मेहता ने 'एक्स' पर अब्दुल्ला की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'अपमानजनक' और 'प्रतिगामी' करार दिया.

फिल्म निर्माता ने कहा, ''इसमें शर्म की क्या बात है? एक फिल्म को दिखाना कैसे लोकतंत्र या 'लोकतंत्र की जननी' को अपमानित कर सकता है? अभिनेता, सहायक कलाकार सहित फिल्म सेट पर मौजूद सभी लोग इस देश के नागरिक हैं और उनके पास गरिमा के साथ काम करने का अधिकार है साथ ही वे सम्मान के भी हकदार हैं कम से कम आपके जैसे शिक्षित व्यक्ति को इसकी समझ होनी चाहिए.''

हंसल मेहता ने कहा कि दुनिया भर के देशों में फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं को फिल्म की शूटिंग के लिए सार्वजनिक स्थानों, सरकारी भवनों और अन्य प्रतिष्ठानों का उपयोग करने की अनुमति होती है.

फिल्म निर्माता ने कहा, ''इस अस्वभाविक रवैये के कारण ही भारत को शूटिंग के लिए अनुकूल स्थान नहीं माना जाता और हम अक्सर विदेश में शूटिंग करना पसंद करते हैं. मेरे मन में आपके लिए बहुत सम्मान है लेकिन आपकी यह टिप्पणी बहुत अपमानजनक, प्रतिगामी और अदूरदर्शी लगता है.''

अब्दुल्ला ने 'एक्स' पर अपने पोस्ट में कहा था, ''लोकतंत्र की जननी' का असली स्थान, जहां अलग-अलग धर्मों, पृष्ठभूमि और विभिन्न हिस्सों से चुने हुए प्रतिनिधि और उनके दल राज्य के लोगों से जुड़े महत्व के मामलों पर कानून बनाते हैं, उस जगह को अब अभिनेता और अन्य कलाकार फिल्मों के सेट के रूप में उपयोग कर रहे हैं.''

उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने लोकतंत्र के प्रतीक को इस दुखद स्थिति में पहुंचा दिया है, जहां वे कभी बैठकर शासन किया करते थे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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