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'चाबी' खोलेगी ओमप्रकाश राजभर की राजनीतिक किस्मत का ताला? सुभासपा ने क्यों बदला चुनाव चिन्ह

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार में साझीदार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने अपना चुनाव चिन्ह बदल लिया है. चाबी को उसने अपना नया चुनाव निशान बनाया है. आइए जानते हैं कि सुभासपा ने यह कदम क्यों उठाया है और उसकी आगामी योजनाएं क्या हैं.

'चाबी' खोलेगी ओमप्रकाश राजभर की राजनीतिक किस्मत का ताला? सुभासपा ने क्यों बदला चुनाव चिन्ह
नई दिल्ली:

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने अपना चुनाव चिन्ह बदल लिया है. इसकी घोषणा पार्टी प्रमुख और यूपी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने की.लखनऊ में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने इसकी घोषणा की. सुभासपा का चुनाव निशान अब 'छड़ी' की जगह 'चाबी'होगा. सुभासपा ने लोकसभा का चुनाव एनडीए में रहते हुए लड़ा था. लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली थी. ऐसे में पार्टी का चुनाव चिन्ह बदलने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. 

सुभासपा ने क्यों बदला है चुनाव चिन्ह

सुभासपा के इस कदम को पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को लोकसभा चुनाव में मिली हार से जोड़कर देखा जा रहा है.सुभासपा को बीजेपी ने लड़ने के लिए घोसी सीट दिया था. वहां पार्टी प्रमुख के बेटे अरविंद राजभर उम्मीदवार बनाए गए थे. उन्हें सपा के राजीव राय ने एक लाख 62 हजार 943 के विशाल अंतर से हरा दिया था. इसके साथ ही सुभासपा का लोकसभा में जाने का सपना टूट गया था.

सुभासपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल लोग.

सुभासपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल लोग.

सुभासपा ने इस हार की समीक्षा में पाया कि इस हार की बड़ी वजह घोसी सीट पर लीलावती राजभर ने मूल निवासी समाज पार्टी की टिकट पर मैदान में उतरी लीलावती राजभर थीं. लीलावती को 47 हजार 527 वोट मिले थे. वहीं अरविंद राजभर केवल तीन लाख 40 हजार 188 वोट ही हासिल कर पाए. पार्टी का कहना था कि उसका चुनाव निशान घड़ी था, जबकि लीलावती का चुनाव निशान हाकी थी. पार्टी का कहना है कि छड़ी और हाकी देखने में एक जैसे लगते हैं, ऐसे में उसके मतदाता दोनों में अंतर नहीं कर पाए. यह अरविंद राजभर की हार की बड़ी वजह थी. 

लोकसभा चुनाव में क्यों कटा सुभासपा का वोट

सुभासपा का मानना है कि वोट कटने की वजह से ही सपा उम्मीदवार बड़े अंतर से जीत पाए. उसका कहना है कि इस हार के बाद से ही चुनाव चिन्ह बदलने की मांग की जा रही थी.सुभासपा अपने नए चुनाव चिन्ह को सत्ता की 'चाबी' के तौर पर पेश कर रही है. 

ओम प्रकाश राजभर ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है.

ओम प्रकाश राजभर ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है.

लखनऊ में हुई सुभासपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ओम प्रकाश राजभर को फिर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया.उनके अलावा अरविंद राजभर को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया है.अरुण राजभर को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए हैं. अरविंद और अरुण पार्टी प्रमुख बेटे हैं.प्रेमचंद कश्यप को सुभासपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष चुने गए हैं. इसके साथ ही पार्टी ने राज्य संगठन को चार अलग-अलग क्षेत्रों में बांट दिया है. पार्टी ने प्रदेश ईकाई को पूर्वाचल, पश्चिमांचल, बुंदेलखंड और मध्यांचल के नाम से बांट दिया है. 

बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेगी सुभासपा

राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद ओम प्रकाश राजभर ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की. उनका कहना था कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार की राजनीति में भी प्रभाव रखती है.उन्होंने पार्टी के नेताओं से आगामी पंचायत चुनाव और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू करने को कहा है. 

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