विज्ञापन

बिहार की राजनीति में ओपी राजभर की एंट्री, बोले-150 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव, NDA को फायदा हो या नुकसान

 ओम प्रकाश राजभर ने न केवल बिहार चुनाव को लेकर उनके इरादों को स्पष्ट किया, बल्कि यह भी संकेत दिया कि वे राज्य की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं. उनका सीटों पर लड़ने का दावा, ‘योगी मॉडल’ की वकालत, और एनडीए पर सीधा हमला बिहार की राजनीति में नए समीकरण खड़े कर सकता है.

बिहार की राजनीति में ओपी राजभर की एंट्री, बोले-150 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव, NDA को फायदा हो या नुकसान
बिहार की राजनीति में ओपी राजभर की एंट्री.
  • ओम प्रकाश राजभर ने बिहार में 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया और सम्मानजनक सीटों की मांग की.
  • राजभर ने बिहार में कानून-व्यवस्था सुधार के लिए उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ मॉडल को अपनाने की सलाह दी.
  • उन्होंने भाजपा-जदयू सरकार पर अति पिछड़ों के लिए विकास न करने का आरोप लगाते हुए सामाजिक न्याय पर जोर दिया है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
पटना:

उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी बेबाक शैली और स्पष्ट बयानों के लिए जाने जाने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर अब बिहार की राजनीति (OP Rajbhar In Bihar Politics) में भी अपने कदम मजबूती से जमाने की तैयारी में हैं. NDTV के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने कई बड़े दावे किए और अपने राजनीतिक मंसूबों को स्पष्ट रूप से सामने रखा.

ये भी पढ़ें- बिहार में महत्वपूर्ण विभागों में 70,000 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ : पवन खेड़ा

बिहार में 150 सीटों पर लडूंगा चुनाव

राजभर ने साफ शब्दों में कहा, “मैं बिहार में 30 सीटों पर चुनाव लड़ूंगा और अगर सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो हमारे लिए सारे विकल्प खुले हैं. मेरी पार्टी 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, भले ही उससे एनडीए को फायदा हो या नुकसान.”
इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है. एनडीए के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान की संभावना बढ़ गई है. राजभर ने इशारों में यह भी जता दिया कि वह कोई भी समझौता तब तक स्वीकार नहीं करेंगे, जब तक उनकी पार्टी को सम्मानजनक हिस्सेदारी न मिलें.

UP के योगी मॉडल की जमकर तारीफ

 बिहार की कानून-व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए राजभर ने कहा, “बिहार में नीतीश कुमार को कानून व्यवस्था के लिए योगी मॉडल लागू करना चाहिए. बिहार का मॉडल फेल हो चुका है.” उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, उसी तरह की जरूरत बिहार में भी है.

उन्होंने बिहार की बढ़ती अपराधिक घटनाओं और भ्रष्टाचार पर चिंता जतते हुए कहा कि अगर बिहार को सुरक्षित और विकसित राज्य बनाना है तो योगी जैसे कड़े और निर्णायक नेतृत्व की जरूरत है.  

 बीजेपी-जेडीयू ने अति पिछड़ों के लिए कुछ खास नहीं किया

राजभर ने नीतीश कुमार और बीजेपी की अब तक की सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा, “भाजपा-जदयू की सरकार ने पिछले 20 वर्षों में अति पिछड़ों के लिए बिहार में कुछ खास नहीं किया. उसी चीज को मैं सुधारने आया हूं.” उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में आने वाले दलों ने सिर्फ पिछड़े वर्गों का वोट लिया, लेकिन उनके विकास और अधिकारों के लिए ठोस प्रयास नहीं किए.  राजभर ने कहा कि उनकी पार्टी का मुख्य उद्देश्य सामाजिक न्याय और अति पिछड़े समुदायों को राजनीतिक भागीदारी दिलाना है.

बिहार में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को लेकर राजभर ने एक दिलचस्प और आत्मविश्वासी बयान दिया, “मैं केवल उत्तर प्रदेश का नेता नहीं, यह केवल पूर्वांचल का नेता नहीं, बल्कि बिहार का नेता हूं और इस चुनाव में मैं ये करके दिखाऊंगा.”
 उन्होंने दावा किया कि बिहार के कई जिलों में उनकी पार्टी की अच्छी पकड़ है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अति पिछड़े और वंचित वर्गों की आबादी अधिक है. उन्होंने कहा कि वे जनता के बीच जाकर लगातार संवाद कर रहे हैं और लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है.

मैंने अपने समाज-वर्ग के हित के लिए दल बदले

दल बदलने और अवसरवादिता के आरोपों पर राजभर ने कहा, “लोग मुझे दल बदलू और अवसरवादी कहते हैं जबकि सभी राजनीतिक दल ऐसे ही हैं." उन्होंने कहा कि राजनीति में हर कोई अपने लाभ और जनहित के बीच संतुलन बनाकर चलता है. अगर उन्होंने दल बदले हैं तो वह सिर्फ अपने समाज और वर्ग के हित में किया है. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि जब राष्ट्रीय दल गठबंधन बदलते हैं या नीतियां पलटते हैं, तब कोई सवाल नहीं उठाता, फिर क्षेत्रीय नेताओं के लिए यह शब्द क्यों?

 ओम प्रकाश राजभर ने न केवल बिहार चुनाव को लेकर उनके इरादों को स्पष्ट किया, बल्कि यह भी संकेत दिया कि वे राज्य की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं. उनका सीटों पर लड़ने का दावा, ‘योगी मॉडल' की वकालत, और एनडीए पर सीधा हमला बिहार की राजनीति में नए समीकरण खड़े कर सकता है.

 बिहार में सम्मानजनक सीटों की कर रहे मांग

उनका यह आत्मविश्वास और राजनीतिक चतुराई यह दिखाता है कि वे खुद को एक ‘गंभीर खिलाड़ी' के रूप में स्थापित करना चाहते हैं.  न सिर्फ उत्तर प्रदेश में, बल्कि बिहार की ज़मीन पर भी. अब देखना यह होगा कि क्या एनडीए उन्हें ‘सम्मानजनक सीटें' देने को तैयार होती है या फिर वह 150 सीटों के साथ चुनावी समर में उतरते हैं और पूरे समीकरण को बदल डालते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com