
ओडिशा के बालासोर में छात्रा के साथ विभागाध्यक्ष द्वारा यौन संबंध बनाने का प्रेशर बनाने के मामले में पीड़िता के भाई ने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं. आपको बता दें कि इस मामले में पीड़िता ने अपने विभागाध्यक्ष से तंग आकर खुदको आग के हवाले कर दिया था. फिलहाल पीड़िता का भुवनेश्वर एम्स में इलाज चल रहा है. NDTV से खास बातचीत में पीड़िता के भाई ने कहा कि मेरी बहन को एचओडी छह महीने से तंग कर रहा था. मेरी बहन ने मां को सारी बात बताई थी. 15 दिन पहले मेरे पिता जी ने मुझे बोला था कि तुम बहन के कॉलेज जाओ, बहन के साथ कुछ दिक्कत हुई है वहां. मैं जब कॉलेज पहुंचा तो उससे पहले से ही इस मामले में वहां प्रदर्शन चल रहा था. जब मैं वहां पहुंचा तो मुझे पता चला कि मेरी बहने के साथ उस एचओडी ने क्या कुछ किया है. इसके बाद मैंने प्रिंसिपल से मांग की कि वह इस पूरे मामले की निष्पक्षता के साथ जांच कराएं.
पीड़िता के भाई ने कहा कि मैंने प्रिसिंपल से जांच कराने की ये मांग 12 दिन पहले किया था. मेरी गलती ये है कि मैंने उस दिन प्रिंसिपल पर भरोसा कर लिया. मुझे लगा था कि प्रिंसिपल छात्राओं के भले के लिए कुछ सही कदम उठाएंगे. लेकिन मैं गलत था. मुझे उसी दिन पुलिस प्रशासन के पास जाना चाहिए था. अगर मैं उसी दिन अगर पुलिस के पास जाता तो शायद मेरी बहन आज इस हालत में नहीं होती. उस दिन प्रिंसिपल ने मुझसे एक जांच कमेटी बनाने की बात भी कही थी. उन्होंने कहा कि इस कमेटी में हम कुछ एचओडी, कुछ छात्र और कुछ शिक्षकों को रखेंगे. जो भी होगा सो पार्दर्शी तरीके से होगा. मुझे बाद में पता चला कि इस पूरे मामले प्रिंसिपल भी मिला हुआ है. मेरी बहन ने मुझे बताया था कि एचओडी उसे फेल करने की धमकी दे रहा था.
मेरी बहन इंस्टा पर रील बनाती थी तो वो आरोपी एचओडी मेरे पिता को फोन करता था. वो चाहता था कि वह मेरी फैमिली से जुड़ जाए. मेरी बहन ने घटना से पहले मुझे फोन किया था. उसने बताया था कि वह प्रोटेस्ट करने जा रही हूं. उसके बाद मैं प्रिंसिपल से स्टेटमेंट लेकर आऊंगी. फिर बाद में साढ़े ग्यारब बजे मेरी बहन से बात हुई और दोपहर में मेरे पास फोन आया कि मेरी बहन ने आत्मदाह करने की कोशिश की है.
मैं और मेरा परिवार चाहता है कि इस मामले में जो भी आरोपी हैं हम उनको छोड़ेंगे नहीं. इस मामले में हम फुल और फेयर जांच की मांग करते हैं. हम उसको न्याय दिलाकर ही मानूंगा. मेरी बहन एबीवीपी की कार्यकर्ता भी रही है. पुलिस चाह रही थी कि मैं उसी समय एफआईआर करूं लेकिन मैं ये सोचकर मामला दर्ज नहीं कराया कि वह परिवार वाला आदमी है. लेकिन ये मेरी गलती थी. ( इनपुट देव कुमार घोष)
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