Women's reservation bill पर लोक सभा और राज्य सभा में चर्चा के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा OBC समुदाय की महिलाओं के लिए "कोटे के अंदर कोटे" की मांग की रही. गुरुवार को कांग्रेस, RJD समेत कई दलों ने पिछड़े वर्ग की महिलाओं के पिछड़ेपन का सवाल उठाते हुए उनके राजनीतिक उत्थान के लिए प्रस्तावित महिला आरक्षण कानून में उनके लिए विशेष कोटे की मांग की. इस मुद्दे पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा में कहा कि भारत को पहला OBC प्रधानमंत्री बीजेपी ने दिया.आज 27 मंत्री सरकार में ओबीसी समुदाय के हैं".
बीजेपी अध्यक्ष ने किया बचाव
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि लोकसभा में बीजेपी के 303 सांसदों में से 85 यानी 29% सांसद ओबीसी समुदाय से हैं. देश में बीजेपी के 1358 विधायक में 27% ओबीसी हैं जबकि देश में बीजेपी के 163 विधायक में 40% ओबीसी है. दरअसल OBC महिलाओं के लिए महिला आरक्षण बिल में कोटे की मांग लोक सभा के बाद गुरुवार को राज्य सभा में बहस के दौरान कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन ने उठाया.
कांग्रेस सांसद ने महिला आरक्षण में ओबीसी कोटे की मांग की
रंजीता रंजन ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि हमारी मांग है कि महिला आरक्षण बिल में ओबीसी कोटा बहुत जरूरी है. हम चाहते हैं कि SC,ST के साथ साथ OBC समुदाय की महिलाओं का भी प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए. राज्य सभा में चर्चा के दौरान राजद के सांसद मनोज झा ने कहा कि आज भी मौका है महिला आरक्षण बिल को सेलेक्ट कमिटी में भेजकर SC, ST और ओबीसी के लिए कोटा को शामिल कीजिये. अगर हम नहीं करेंगे तो हम ऐतिहासिक गुनाहगार होंगे.
मुस्लिम महिलाओं के लिए भी कोटे की मांग
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने एनडीटीवी से बातचीत में OBC कोटे का समर्थन करते हुए मुस्लिम महिलाओं के लिए भी बिल में कोटे को मांग रख दी. लोक सभा सांसद फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि "देश में मुस्लिम की जनसंख्या 22 करोड़ से ज्यादा है. उसमें करीब 50% महिलाएं होगी. मुस्लिम महिलाओं के लिए भी (महिला आरक्षण बिल में) आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए. मुस्लिम महिलाओं को भी हक है कि वह वतन के निर्माण में अपना योगदान दें.
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