'हिंदुओं के लिए और कोई भी देश...'
गाजियबाद के रामप्रस्थ ग्रीन कैंपस में आयोजित एक भागवत कथा में नूपुर शर्मा ने कहा कि सनातन धर्म मेरा इकलौता नहीं है. ये हम सभी का है और इसकी रक्षा केवल मैं करूं, इस लायक शायद भगवान ने मुझे समझा भी नहीं है. परंतु सनातनियों के लिए, हिंदुओं के लिए और कोई भी देश भी नहीं है. ये सत्य हम सब को भी पता है. ऊंचे पदों पर बैठे लोग कह देते हैं कि हिंदू हिंसक हैं. सनातनियों का नरसंहार कर दो. मैंने तो खुद देखा है कि दो साल में सनातनियों का नरसंहार करने की कितनी कोशिश की गई है. अगर हिंदू हिंसक होता तो एक हिंदू सनातनी बेटी को इस सुरक्षा घेरे में अपने ही देश में अपनी आजादी गंवा कर रहने की नौबत नहीं आती.
'ये मेरे देश में नहीं चलेगा'
नूपुर शर्मा ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब एकत्रित हो जाइए. किसी और घर की बेटी तो दूर की बात है किसी और घर के सदस्य को भी वो न देखना पड़े, जो मैंने देख लिया. जब तक मेरी सांस है, मैं अपनी आवाज उठाती रहूंगी. इसके बाद नूपुर ने कहा, "तुम कहो तो वाह-वाह...मैं सत्य भी कह दूं तो सर तन से जुदा..." ये मेरे देश में नहीं चलेगा. मेरा देश भारतीय संविधान से चलेगा, किसी मजहबी शरिया कानून या शरिया से नहीं.
विवाद जान लें
आपको बता दें कि एक टीवी डिबेट में भाजपा प्रवक्ता रही नूपुर शर्मा के एक बयान से देश ही नहीं खाड़ी देशों तक बवाल मच गया था. यह साल 2021 की बात है. उस समय नूपुर शर्मा भाजपा की प्रवक्ता हुआ करती थीं. फिर भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया. भाजपा का आरोप है कि अभी हाल ही में राहुल गांधी ने संसद में हिंदुओं को हिंसक बताया था. इसके साथ ही भगवान शिव के चित्र का प्रदर्शन भी किया था, जिस पर खुद प्रधानमंत्री मोदी तक को संसद में हस्तक्षेप करना पड़ा था.
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