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This Article is From Aug 16, 2023

नूंह हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी और उसके सहयोगियों ने लहराई थीं तलवारें और त्रिशूल : पुलिस

नूंह की सहायक पुलिस अधीक्षक ने अपनी शिकायत में कहा कि, गौरक्षक और उसके सहयोगियों ने जब्त किए गए हथियार पुलिस से छीन लिए

नूंह हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी और उसके सहयोगियों ने लहराई थीं तलवारें और त्रिशूल : पुलिस
हरियाणा पुलिस ने नूंह हिंसा के मामले में मंगलवार को बिट्टू बजरंगी को गिरफ्तार कर लिया है.
नई दिल्ली:

हथियार लेकर चलने पर सख्त पाबंदी के आदेश के बावजूद हरियाणा हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी और करीब 20 अन्य लोगों ने न सिर्फ तलवारें और त्रिशूल लहराए बल्कि हथियार जब्त होने के बाद उन्हें पुलिस से छीन भी लिया. यह चौंकाने वाला तथ्य और इसके जैसे कई अन्य तथ्य नूंह के सहायक पुलिस अधीक्षक द्वारा गौरक्षक और उसके सहयोगियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से सामने आए हैं. इस शिकायत के आधार पर बजरंगी को कल गिरफ्तार कर लिया गया और उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

एफआईआर में कहा गया है कि 31 जुलाई को, जिस दिन विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित जल अभिषेक यात्रा के दौरान नूंह में हिंसा भड़की थी, सहायक पुलिस अधीक्षक उषा कुंडू पुलिस के सुरक्षा उपायों के तहत कारों की जांच कर रही थीं.

उषा कुंडू ने एफआईआर में कहा है कि दोपहर 12.30 बजे के आसपास वे नूंह में नलहर शिव मंदिर से लगभग 300 मीटर की दूरी पर थीं, जब उन्होंने बजरंगी और 15-20 अन्य लोगों को त्रिशूल और तलवारों के साथ मंदिर की ओर जाते देखा.

उषा कुंडू ने कहा कि जब उन्होंने और उनके सहयोगियों ने लोगों से हथियार छीनने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए और कुछ कर्मियों के साथ हाथापाई भी की.

गाड़ी के सामने बैठकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी

उन्होंने एफआईआर में कहा है, "हमने उनसे हथियार ले लिए और उन्हें पुलिस वैन में रख दिया. बिट्टू बजरंगी और उसके साथी मेरी आधिकारिक गाड़ी के सामने बैठ गए और पुलिस के खिलाफ नारे लगाने लगे. कुछ देर बाद बिट्टू बजरंगी और उसके साथियों ने वाहन की पिछली खिड़की खोलकर तलवारें और त्रिशूल छीन लिए." 

उषा कुंडू ने कहा कि बजरंगी और उसके साथियों ने अवैध हथियार रखकर, पुलिस को उसकी ड्यूटी में बाधा डालकर, पुलिस को धमकाकर और हथियार छीनकर गैरकानूनी काम किया.

एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी. यह धाराएं घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करने, गैरकानूनी सभा करने, लोक सेवकों को उनके कर्तव्य से रोकने के लिए चोट पहुंचाने, लोक सेवकों को रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल देने, लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालने से संबंधित हैं. मामले में आपराधिक धमकी और शस्त्र अधिनियम के प्रावधान भी लागू किए गए हैं.

बजरंग दल नेता मोनू मानेसर का सहयोगी है बजरंगी

बजरंगी को बजरंग दल नेता मोनू मानेसर का सहयोगी माना जाता है, जो राजस्थान में दो हत्याओं के लिए वांछित है और नूंह हिंसा मामले में भी जांच के दायरे में है.

बजरंगी फरीदाबाद में एक गौरक्षक समूह का प्रमुख है. उस पर 31 जुलाई की यात्रा से पहले सांप्रदायिक तनाव फैलाने का भी आरोप है. उसे 4 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. जब उसे कल गिरफ्तार किया गया तो वह जमानत पर बाहर था. आज मामले की सुनवाई करते हुए नूंह की एक अदालत ने उसे एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया.

नूंह में भड़की हिंसा और फिर गुरुग्राम समेत आसपास के इलाकों में फैली हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी.

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