देश के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) ने नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) की तलाश शुरू कर दी है. एनएसई के वर्तमान प्रमुख विक्रम लिमये का पांच साल का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है. भारत का सबसे बड़े एक्सचेंज, एनएसई घोटाले के कथित आरोपों का सामना कर रहा है जिसके कारण इसकी (Initial Public Offering (आईपीओ) में लंबे समय से देरी हो रही है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने शुक्रवार को प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए. गौरतलब है, वर्तमान एमडी और सीईओ विक्रम लिमये इस साल जून में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. लिमिये, अमेरिका से एक दशक के बाद 2004 में भारत लौटे थे. उन्होंने व्हार्टन में एमबीए की और फिर वॉल स्ट्रीट पर आठ साल तक क्रेडिट सुइस फर्स्ट बोस्टन के साथ निवेश बैंकिंग और फिर पूंजी निवेश में विभिन्न भूमिकाएं निबाही. बाजार, वित्त और क्रेडिट पोर्टफोलियो प्रबंधन में उन्हें महारत है.
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उनकी नियुक्ति 2017 में हुई जब एनएसई ने शीर्ष प्रबंधन स्तर पर कुछ हाई-प्रोफाइल बदलाव हुए. वर्तमान में, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) कथित तौर पर चुनिंदा दलालों को एल्गोरिथम लेनदेन के लिए अपने सह-स्थान सर्वर तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक्सचेंज की जांच कर रहा है, जिससे लिस्टिंग के लिए एनएसई की महत्वाकांक्षाओं में देरी हो रही है. दरअसल, एक्सचेंज की साल 2017 में सार्वजनिक होने की योजना इस आरोप के बाद पटरी से उतर गई थी क्योंकि आरोप हैं कि कुछ अधिकारियों ने एल्गोरिथम ट्रेडिंग को गति देने के लिए उच्च आवृत्ति वाले व्यापारियों को अनुचित तरीके अपनाए थे.
वर्तमान गतिविधि नियामक ने पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण को दंडित करने के बाद की है, जिसमें एक जांच से सामने आया था कि उसने एक बाहरी व्यक्ति से वर्षों तक सलाह मांगी थी जिसे उसने हिमालयी योगी बताया था. शुक्रवार को जारी एक सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, एक्सचेंज ने 25 मार्च से पहले शीर्ष पद की भूमिका के लिए आईपीओ अनुभव रखने वाले उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं, जिसमें कहा गया है कि निजी फर्म 'कोर्न फेरी' इस काम में सहायता कर रही है.
मौजूदा सीईओ लिमये वैसे एक और कार्यकाल के अभी पात्र हैं. हालांकि, सेबी के नियम के अनुसार, वर्तमान प्रमुख को अगला कार्यकाल जीतने के लिए अन्य उम्मीदवारों के साथ प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा. चित्रा रामकृष्ण के बाहर निकलने के बाद उन्हें जुलाई 2017 में एनएसई प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था. लिमये को एनएसई की रीब्रांडिंग का श्रेय दिया जाता है. उनके नेतृत्व में डेरिवेटिव में ट्रेडिंग में जबरदस्त वृद्धि देखी गई.
पात्रता मानदंड को सूचीबद्ध करते हुए, एनएसई के नोटिस में कहा गया है कि उम्मीदवार के पास कॉर्पोरेट प्रशासन, उद्यम जोखिम प्रबंधन और अनुपालन प्रबंधन ढांचे को मजबूत करने का ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए. इसके अलावा, सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी में काम करने वाले या प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश प्रक्रिया के माध्यम से किसी संगठन का नेतृत्व करने वाले उम्मीदवारों को 'अतिरिक्त लाभ' होगा, समय सीमा के बाद, उम्मीदवारों को कंपनी की नामांकन और पारिश्रमिक समिति द्वारा शॉर्टलिस्ट किया जाएगा. एनएसई द्वारा गठित एक चयन समिति, जिसमें एनआरसी सदस्य और स्वतंत्र बाहरी सदस्य शामिल हैं, बोर्ड को उम्मीदवारों की सिफारिश करेगी, फिर अंतिम अनुमोदन के लिए सेबी को नाम भेजेगी. एनएसई को गवर्नेंस ख़त्म होने के मामले में और कोलोकेशन मामले में नियामक जांच का सामना करना पड़ रहा है, जहां कुछ ब्रोकरों को कथित तौर पर अन्य सदस्यों पर एक्सचेंज डेटा फीड तक अनुचित पहुंच प्रदान की गई थी.
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