बेंगलुरू पुलिस ने तकनीक की मदद से बैंकों के एटीएम की तरह दिखने वाला एक पुलिस कियोस्क विकसित किया है, जिसकी मदद से बेंगलुरू सिटी पुलिस सीमा के तहत किसी भी पुलिस स्टेशन से जुड़े मामले की एफआईआर यहीं से दर्ज की जा सकती है।
मल्लेश्वरम के मंत्री मॉल और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) के दफ्तर में ऐसे कियोस्क लगाए गए हैं, और ये चौबीसों घंटे काम करते हैं। इस कियोस्क में हर वक्त एक पुलिसकर्मी तैनात रहता है, तकनीकी मदद देने के लिए। यहां रखे फोन से जैसे ही एक खास नंबर डायल किया जाता है, विधानसभा पुलिस स्टेशन का नोडल ऑफिसर स्क्रीन पर दिखता है। वह शिकायतकर्ता को सुनता है, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दोनों एक-दूसरे से बात करते हैं और इसी तरह एफआईआर दर्ज हो जाती है। शिकायत से जुड़ा अगर कोई दस्तावेज़ हो, तो वह भी वहां रखे स्कैनर के जरिये नोडल पुलिस ऑफिसर को भेज दिया जाता है। प्रक्रिया पूरी होते ही कियोस्क में रखे प्रिंटर से एफआईआर की कॉपी बाहर आ जाती है।
विधानसभा पुलिस स्टेशन को रिमोट एफआईआर सेंटर का नोडल पुलिस स्टेशन बनाया गया है, जहां बैठा नोडल पुलिस ऑफिसर शिकायत को संबंधित पुलिस स्टेशन को भेज देता है। तब संबंधित स्टेशन का जांच अधिकारी शिकायतकर्ता से संपर्क कर जांच आगे बढ़ाता है। फिलहाल दोनों ही कियोस्क तीन महीने के लिए प्रयोग के तौर पर लगाए गए हैं, और अगर ये सफल हो जाते हैं तो राज्य के गृह मंत्रालय ने ऐसे कियोस्क बेंगलुरू के साथ-साथ राज्य के सभी बड़े शहरों में पहले फेज़ में ही लगाने की योजना बनाई है।
यहां किसी भी मामले और शहर के किसी भी पुलिस स्टेशन से जुड़ी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है, लेकिन अगर कोई वारदात वर्तमान समय में हो रहा हो, जैसे डकैती, दंगा-फसाद या फिर कोई चैन खेंच कर भाग रहा हो, तो ऐसे मामलों में पुलिस कंट्रोल रूम यानी 100 नंबर पर ही डॉयल कर शिकायत दर्ज करानी होगी।
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