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This Article is From Apr 14, 2020

'अब तो ड्यूटी पूरी करने के बाद ही अपने पहले बच्चे को देखूंगा' : लॉकडाउन में तैनात पुलिसकर्मी

रमाकांत बताते हैं,' पहले घर जाने की सोची थी पर फिर मैंने सोचा कि मेरे कितने साथी लगातार काम कर रहे हैं. इसलिए मैंने सोचा की छुट्टी नहीं लेता हूं और यहां अपने साथियों के साथ रहकर काम करता हूं.'

'अब तो ड्यूटी पूरी करने के बाद ही अपने पहले बच्चे को देखूंगा' : लॉकडाउन में तैनात पुलिसकर्मी
कॉन्स्टेबल रमाकांत व्हाट्सएप पर भेजी गई अपनी बेटी की फोटो गौर से देखते हैं.
इटावा:

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक सड़क पर 34 डिग्री की गर्मी में एक जवान कॉन्स्टेबल एक मिनट के लिए रुकता है और अपना फोन चेक करता है. कॉन्स्टेबल के इर्द-गिर्द लॉकडाउन से पसरा सन्नाटा है. 25 साल का कॉन्स्टेबल व्हाट्सएप पर भेजी गई फोटो को बड़े गौर से देखता है. इस तरह वह अपनी 12 दिन की बेटी को करीब से देखना चाहता है. कॉन्स्टेबल रमाकांत नागर ने तय किया है कि वह अपने पहले बच्चे को देखने अपने घर नहीं जाएंगे. रमाकांत बताते हैं,' पहले घर जाने की सोची थी पर फिर मैंने सोचा कि मेरे कितने साथी लगातार काम कर रहे हैं. इसलिए मैंने सोचा की छुट्टी नहीं लेता हूं और यहां अपने साथियों के साथ रहकर काम करता हूं.'

नागर की पोस्टिंग इटावा में की गई है और वे उन लोगों में से हैं जो कोरोनावायरस के खिलाफ अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और देश की मदद कर रहे हैं. रमाकांत ने बताया, 'मैं अपनी पत्नी और परिवार वालों से रोज बात करता हूं पर मैंने तय कर लिया है कि घर नहीं जाऊंगा जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होता और जब तक मेरी ड्यूटी है.'

बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के चलते 150 जोन को कंटेन किया गया है. हालांकि इटावा इसमें शामिल नहीं है. उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के 558  मामले हैं.  बता दें कि कोरोनावायरस से भारत में अब तक 339 लोगों की मौत हो चुकी है.
 

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