प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
देश में अब ट्रेनों में भी हवाई जहाज की तरह ब्लैक बॉक्स का इस्तेमाल होगा. रेलवे के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि जांचकर्ताओं के लिए दुर्घटनाओं का पता लगाना और चालक दल के कार्यों का आकलन करना सुगम बनाने के लिए जल्द ही ट्रेनों में वॉइस रिकॉर्डर या ब्लैक बॉक्स होगा. रेलयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेल ने लोको कैब वॉइस रिकॉर्डिंग (एलसीवीआर) डिवाइस इंजन में लगाने का फैसला किया है. यह जानकारी रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने दी.
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अधिकारी ने कहा कि यह सिस्टम विकास के क्रम में है. इंजन में लगे वीडियो/वॉइस रिकॉर्ड रिस्टम से जांचकर्ताओं को महत्वपूर्ण आंकड़े प्राप्त होंगे, जोकि उनको हादसे के कारणों के लिए जिम्मेदार घटनाओं के तार जोड़ने में मदद करेंगे. साथ ही, इससे संचालन संबंधी समस्यओं और चालक दलों के निष्पादन समेत मानवीय कारकों के बारे में भी जानने में मदद मिलेगी.
VIDEO: नेत्रहीनों को राहत पहुंचाता स्टेशन
फिलहाल, ब्लैकबॉक्स का इस्तेमाल वायुयान में ही होता है. इसमें दो अलग-अलग उपकरण होते हैं. एक में उड़ान के आंकड़ों की रिकॉर्डिग होती है और दूसरे में कॉकपिट की ध्वनि. यह हवाई जहाज के पिछले हिस्से में होता है, जहां वे किसी दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षित बचे रहते हैं.
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अधिकारी ने कहा कि यह सिस्टम विकास के क्रम में है. इंजन में लगे वीडियो/वॉइस रिकॉर्ड रिस्टम से जांचकर्ताओं को महत्वपूर्ण आंकड़े प्राप्त होंगे, जोकि उनको हादसे के कारणों के लिए जिम्मेदार घटनाओं के तार जोड़ने में मदद करेंगे. साथ ही, इससे संचालन संबंधी समस्यओं और चालक दलों के निष्पादन समेत मानवीय कारकों के बारे में भी जानने में मदद मिलेगी.
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फिलहाल, ब्लैकबॉक्स का इस्तेमाल वायुयान में ही होता है. इसमें दो अलग-अलग उपकरण होते हैं. एक में उड़ान के आंकड़ों की रिकॉर्डिग होती है और दूसरे में कॉकपिट की ध्वनि. यह हवाई जहाज के पिछले हिस्से में होता है, जहां वे किसी दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षित बचे रहते हैं.
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