भारत दुनियाभर में हथियार खरीदने के मामले में शीर्ष पर बना हुआ है, और वह सबसे ज़्यादा हथियार 'स्वाभाविक रूप से' रूस से ही खरीदता है, लेकिन बेहद दिलचस्प पहलू है कि भारत के लिए सबसे बड़े हथियार निर्यातकों की सूची में शीर्ष पर आने वाला मुल्क संयुक्त राज्य अमेरिका तीसरे स्थान पर आता है. भारत को हथियार बेचने के मामले में वर्ष 2018-2022 के बीच रूस के बाद सबसे ज़्यादा हथियार फ्रांस ने भेजे हैं. जहां तक अमेरिका की बात है, उसने सबसे ज़्यादा हथियार सऊदी अरब, जापान और ऑस्ट्रेलिया को बेचे हैं. वैसे, दुनियाभर में सबसे बड़े हथियार आयातक भारत के बाद सऊदी अरब, कतर, ऑस्ट्रेलिया और चीन हैं. ये 5 सबसे बड़े हथियार आयातक दुनियाभर में बिकने वाले कुल हथियारों का 36 फीसदी हिस्सा खरीदते हैं.
वैसे, दुनियाभर में घटा है हथियारों का अंतरराष्ट्रीय ट्रांसफर
दुनिया के विभिन्न मुल्कों के बीच संघर्ष, शस्त्रीकरण, शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण में अनुसंधान के लिए काम करने वाली स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2018 से 2022 के बीच पांच साल की अवधि में दुनियाभर में हथियारों का अंतरराष्ट्रीय ट्रांसफर वर्ष 2013-2017 की तुलना में 5.1 फीसदी घटा है, लेकिन वर्ष 2008-2012 के मुकाबले इसमें 4.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
किन मुल्कों से सबसे ज़्यादा हथियार खरीदता है भारत...?
दुनिया के सबसे बड़े हथियार निर्यातकों में भारत को ज़्यादा हथियार बेचने वाले मुल्क रूस, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, इस्राइल और दक्षिण अफ्रीका हैं. रूस दुनियाभर में कुल हथियार निर्यात का 16 फीसदी हिस्सा भेजता है, और निर्यातकों की सूची में अमेरिका के बाद दूसरे पायदान पर है. रूस के कुल निर्यात का 31 फीसदी हिस्सा भारत खरीदता है. वैसे, भारत के अलावा रूस के हथियार निर्यात का सबसे बड़ा हिस्सा रखने वाले मुल्क चीन और मिस्र हैं, जो रूस के निर्यात का क्रमशः 23 और 9.3 प्रतिशत हिस्सा खरीदते हैं. हथियार निर्यात के मामले में दुनियाभर में तीसरे स्थान पर मौजूद फ्रांस का वैश्विक हथियार निर्यात में 11 फीसदी हिस्सा रहा है, और उसके कुल निर्यात में से 30 फीसदी भारत खरीदता है, फ्रांस अपने 17 फीसदी हथियार कतर को बेचता है, और मिस्र भी फ्रांस के कुल हथियार निर्यात का 8 फीसदी हिस्सा खरीदता है.
विश्व के सबसे बड़े हथियार निर्यातकों की सूची में क्रमशः नौवें, दसवें और इक्कीसवें स्थान पर मौजूद दक्षिण कोरिया, इस्राइल और दक्षिण अफ्रीका भी वे मुल्क हैं, जिनके सबसे बड़े खरीदारों की सूची में भारत शीर्ष तीन में आता है. दक्षिण कोरिया का दुनिया के हथियार बाज़ार के 2.4 फीसदी हिस्से पर कब्ज़ा रहा है, और उसके सबसे बड़े खरीदार फिलीपीन्स, भारत और थाईलैण्ड हैं, जो दक्षिण कोरिया से बिकने वाले हथियारों में से क्रमशः 16, 13, 13 फीसदी हथियार खरीदते हैं. इसके बाद इस्राइल का भी दुनिया के 2.3 फीसदी हथियार निर्यात पर कब्ज़ा रहा. इस्राइल के कुल निर्यात का 37 फीसदी हिस्सा भारत खरीदता है, जबकि इस्राइल अपने 9.1 फीसदी हथियार अज़रबैज़ान को और 8.5 फीसदी हथियार फिलीपीन्स को बेचता है. दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में 21वें स्थान पर आने वाला दक्षिण अफ्रीका भी उन मुल्कों में शामिल है, जिनसे भारत हथियार खरीदता है. समूची दुनिया के 0.3 फीसदी हथियार निर्यात पर कब्ज़ा रखने वाले दक्षिण अफ्रीका के हथियारों का 27 फीसदी हिस्सा संयुक्त अरब अमीरात खरीदता है, जबकि दक्षिण अफ्रीका के खरीदारों में 21 फीसदी हिस्से के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका दूसरे पायदान पर है, और 15 फीसदी हिस्से के साथ भारत तीसरे स्थान पर.
दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक भारत हथियार बेचता भी है...
भारत के संदर्भ में भी एक दिलचस्प पहलू यह है कि दुनियाभर में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक होने के बावजूद वह म्यांमार को हथियार बेचने वाले तीन सबसे बड़े देशों में शामिल है. भारत का दुनियाभर के कुल हथियारों का 11 फीसदी आयात करता है, और उसमें सबसे ज़्यादा हथियार रूस से आते हैं. भारत के कुल आयात का 45 फीसदी आपूर्ति सिर्फ रूस करता है. इसके बाद भारत को हथियार आपूर्ति में फ्रांस 29 फीसदी के साथ दूसरे पायदान पर है, और भारत के कुल हथियार आयात का 11 फीसदी अमेरिका से आता है.
दुनिया के सबसे बड़े 25 हथियार निर्यातकों की लिस्ट में भारत को जगह नहीं मिली है, लेकिन दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातक भारत से हथियार खरीदने वालों में म्यांमार शामिल है, जो दुनिया के सबसे बड़े आयातकों में 30वें स्थान पर है. म्यांमार दुनिया के कुल हथियार आयात का 0.8 फीसदी हिस्सा खरीदता है. म्यांमार के कुल हथियार आयात का 42 फीसदी हिस्सा रूस से आता है, 29 फीसदी हिस्सा चीन से और 14 फीसदी हिस्सा भारत से आता है.
भारत क्यों खरीद रहा है हथियार...?
SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की ओऱ से होने वाली हथियारों की मांग में पाकिस्तान और चीन के साथ जारी तनाव का बहुत बड़ा योगदान है. कुल वैश्विक हथियारों के आयात में भारत का हिस्सा 11 फीसदी है, जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है. वैसे, भारत 1993 से ही दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बना हुआ है, हालांकि 2013-17 और 2018-22 के बीच भारतीय हथियार आयात में 11 फीसदी की कमी आई. इस गिरावट के लिए कई कारक ज़िम्मेदार बताए जा सकते हैं, जिनमें भारत की धीमी और जटिल हथियार खरीद प्रक्रिया, हथियार आपूर्तिकर्ताओं में विविधता लाने के प्रयास, और आयात के स्थान पर घरेलू रूप से डिज़ाइन और उत्पादित किए गए हथियारों की तरफ मुड़ना शामिल है. वैसे, भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता 2013-17 के बाद 2018-22 में भी रूस ही रहा है, हालांकि भारतीय आयात में रूस की हिस्सेदारी इन पांच सालों में 64 फीसदी से घटकर 45 फीसदी रह गई है.
फ्रांस से भारत के हथियार आयात में 2013-17 की तुलना में 2018-22 के दौरान 489 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, लेकिन इसमें 62 लड़ाकू विमान और चार पनडुब्बियों की खरीद शामिल है, और इसी सौदे की बदौलत अमेरिका को पछाड़कर फ्रांस ने 2018-22 के दौरान भारत के दूसरे सबसे बड़े विक्रेता का स्थान हासिल किया है.
पाकिस्तान से जुड़ी एक दिलचस्प जानकारी...
वर्ष 2013-17 की तुलना में 2018-22 के दौरान पाकिस्तान की ओर से हथियारों का आयात 14 फीसदी बढ़ा है, और दुनियाभर में कुल हथियार आयात का 3.7 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान ही खरीदता है. 2018-22 के बीच पाकिस्तान ने जितने भी हथियार खरीदे, उनमें से तीन-चौथाई से भी ज़्यादा (77 प्रतिशत) हथियार सिर्फ चीन से खरीदे गए हैं.
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