देश के कार्यबल में लैंगिक असमानता दूर करने में मददगार बन रहा Aspire For Her

Aspire For Her ने उन महिलाओं के जीवन में भी अपने 'नॉट अलोन' पहल के जरिये प्रभाव छोड़ा हैं जिन्‍होंने कोविड महामारी के दौरान अपने कमाने वालों को गंवा दिया था.

कोलकाता :

लोट्टोलैंड आज का सितारा सीजन 2 के हिस्‍से के रूप में हम आपके समक्ष ऐसी शख्सियतों की स्‍टोरीज पेश कर रहे हैं जो 'हीरो' बन गई हैं, जिन्‍होंने अपनी राह से हटकर समुदायों की मदद का असाधारण प्रयास किया है. Aspire For Her (AFH) की स्‍थापना पूर्व बैंकर मधुरा दासगुप्‍ता सिन्‍हा ने शिक्षा के जरिये हर महिला के करियर की आकांक्षा को परिणाम में बदलकर स्‍वतंत्र महिलाओं की एक पीढ़ी तैयार करने के उद्देश्‍य से की थी. वर्ष 2025 तक कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि के जरिये 10 लाख से अधिक महिलाओं को प्रभावित करने और भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद में पांच अरब डॉलर जोड़ने के दृष्टिकोण के साथ अपने कार्यों के लिए आकांक्षा.. इसका मिशन शिक्षा के जरिये हर महिला के करियर की आकांक्षा को परिणाम में बदलकर आर्थिक रूप से स्‍वतंत्र महिलाओं की एक पीढ़ी तैयार करना है. 

Aspire For Her की संस्‍थापक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मधुरा दासगुप्‍ता सिन्‍हा ने  NDTV को बताया, "मैं पिछले 25 वर्षों से बैंकर हूं लेकिन मेरे जीवन के पिछले दो साल पेशेवर और निजी रूप से सबसे रोमांचक रहे हैं. जब मैंने देश के लैंगिक डेटा (Gender data) को देखा तो Aspire For Her की स्‍थापना का विचार आया. एक देश के रूप में महिालाओं की आर्थिक भागीदारी (Economic participation) में भारत सबसे नीचे है. "

देश के विविधता संतुलन (diversity equation) में बदलाव के मिशन के अंतर्गत Aspire For Her को युवा महिलाओं को भारत के विशाल आर्थिक अवसरों को हासिल करने के लिए वर्कफोर्स में प्रवेश देने और प्रेरित करने के लिए लांच किया गया था. देश के कोरोना महामारी की चपेट में आने के ठीक पहले, वर्ष 2020 में अंतराष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर Aspire For Her की स्‍थापना मधुरा ने खुद मंदिरा दासगुप्‍ता के साथ की थी जो 1973 में पश्चिम बंगाल सिविल सर्विसेज के कार्यबल (workforce) में शामिल हुई थीं. वे कमर्शियल टैक्‍स डिपार्टमेंट में पहली महिला डिप्‍टी कमिश्‍नर थीं. 1997 में वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चुनी गईं और बीरभूम जिले के एडीशनल डिस्ट्रिक्‍ट मजिस्‍ट्रेट के पद के साथ शुरुआत की. बाद में वे स्‍वास्‍थ्‍य, श्रम और रोजगार विभाग में संयुक्‍त सचिव और निदेशक के पद पर भी रहीं. 

तीसरी संस्‍थापक कार्नेगी मेलोन यूनिवर्सिटी में कंप्‍यूटर साइंस की स्‍नातक की थर्ड ईयर की छात्रा प्रोतीति सिन्‍हा हैं, जो सक्रिय रूप से मानव-कंप्‍यूटर पारस्‍परिक अनुसंधान (human-computer interaction research) में शामिल हैं और इस समय ऑनलाइन मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर algorithmic bias पढ़ रही हैं. वे बिजनेस एडमिनिस्‍ट्रेशन की पढ़ाई भी कर रही हैं और बिजेनस, टेक्‍नोलॉजी और मानव-कंप्‍यूटर पारस्‍परिक अनुसंधान (human-computer interaction research) के क्षेत्र में काम की इच्‍छुक हैं.

AFH, अग्रणी सोच वाली अपनी सदस्‍यों, विविधता केंद्रित संगठनों और पेशेवरों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रोग्राम तैयार करता है. मधुरा दासगुप्‍ता सिन्‍हा ने बताया, "Aspire for Her में आज हमारे 60 विभिन्‍न देशों में एक लाख 50 हजार से अधिक मेंबर, मेंटोर और सपोर्टर्स हैं. महिलाओं की आर्थिक भागीदारी में हम जो सबसे अहम है यानी मानसिकता उसे बदलने पर काम करते हैं. महिलाओं, परिवारों और समाज की मानसिकता बदलने पर आज हम 50 से अधिक पार्टनर्स के साथ काम कर रहे हैं जो महिलाओं को तीन E's - Employment (रोजगार), Entrepreneurship (उद्यमिता) या Education (शिक्षा) में से एक तक पहुंचाने में मदद करते हैं. . "

दो वर्षों में Aspire For Her ने उन महिलाओं के जीवन पर असर डाला है जिन्‍हें वर्कफोर्स (कार्यबल) में शामिल होने के लिए समर्थन की जरूरत है जैसे कोलकाता की अदरिजा दास. अदरिजा ने अपनी मां को खो दिया और छोड़ने के पहले पिता, उसके साथ हिंसक और अपमानजनक तरीके से पेश आते थे. ऐसे में अदरिजा ने अपना दुखड़ा एक टीचर का सुनाया और कहा कि उसे डर है कि वह अपनी बोर्ड परीक्षा भी पास नहीं कर पाएंगी. टीचर ने  Aspire For Her की मेंटोर संगीता माहेश्‍वरी से संपर्क किया. अदरिजा अब कहती हैं कि इससे यह जानने में मदद मिलती है कि जब वह संघर्ष कर रही है तो उसकी मदद/समर्थन के लिए कोई है.  वह इस संगठन को अपने लिए आधारस्‍तंभ बताती है.

अदरिजा ने एनडीटीवी को बताया, " पिता मेरे साथ बेहद अपमानजनक व्‍यवहार करते थे. वे मुझे घर से बाहर फेंकने की धमकी देते थे और उन्‍होंने मुझे कई दिनों तक खाना नहीं देने की कोशिश की. उन्‍होंने शारीरिक और मौखिक रूप से मुझे प्रताड़‍ित किया, ऐसे में मानसिक रूप से मैं बेहद खराब स्थिति में थी. मैं अपनी मां के लिए विलाप कर रही थी लेकिन पिता नहीं. मुझे ऐसा करते देखकर उन्‍होंने मुझे छोड़ दिया. यह पहली बार नहीं था जब उन्‍होंने मुझे छोड़ा था लेकिन एकमात्र  समस्‍या इस बार यह थी कि मेरी मम्‍मी मेरे साथ नहीं थीं. Aspire for Her ने मुझे जीने, बने रहने और शिक्षा पाने के सामान्‍य लक्ष्‍यों को हासिल करने में मदद की. वह शिक्षा जिसकी मैं हकदार थी और मैं जानती थी कि मैं इसके लिए सक्षम हूं.  Aspire For Her के साथ मेरा अनुभव एक सपने की तरह है और यकीन मानिये मैं अतिशयोक्ति नहीं कर रही. अगर Aspire For Her मदद के लिए मेरे पास नहीं आती तो मेरी जिंदगी अलग ही होती. "  

Aspire For Her ने उन महिलाओं के जीवन में भी अपनी 'नॉट अलोन' पहल के जरिये प्रभाव छोड़ा हैं जिन्‍होंने कोविड महामारी के दौरान अपने कमाने वालों को गंवा दिया था. बिजोयेता मैत्रा (Bijoyeta Maitra) जैसी महिला, जिन्‍होंने कोविड के दौरान अपने पति को गंवा दिया था और जो अपनी जिंदगी, खर्चा चलाने और बेटी की देखभाल के लिए संघर्ष कर रही थीं, ऐसे समय Aspire For Her ने इनकी मदद की. सलाहकार और उद्यमी बिजोयेता कहती हैं, "मैं नहीं जानती थी कि क्‍या करूं और किसके पास जाऊं. Aspire For Her से संपर्क होने के बाद मुझे बहुत सारे मेंटोर (सलाहकार) मिले. मुझे अच्‍छी तरह से सलाह दी गई और भरोसा दिया गया कि मैं अकेली नहीं हूं और मेरे पास सपोर्ट है. यह Aspire For Her है ."

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Aspire For Her मेंटोर और रोल मॉडल के तौर पर असाधारण महिलाओं के नेटवर्क के जरिये काम करता है जो महिलाओं को उनके करियर की राह में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं ताकि महिलाओं की मदद करते हुए वर्ष 2025 तक भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद (GDP) में 5 फीसदी जोड़ें और ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की राह पर अग्रसर कर सकें.