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This Article is From Aug 26, 2022

Noida Twin Towers Demolition : रविवार को बिल्डिंग गिराने की तैयारी पूरी, जानें कैसी होगी पूरी प्रक्रिया और ट्रैफिक रूट

एडिफिस इंजीनियरिंग के परियोजना प्रबंधक मयूर मेहता ने एनडीटीवी को बताया कि इमारत गिराने की सभी अंतिम तैयारियां हो चुकी हैं.

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Noida Twin Towers Demolition : रविवार को बिल्डिंग गिराने की तैयारी पूरी, जानें कैसी होगी पूरी प्रक्रिया और ट्रैफिक रूट
रविवार को नोएडा का ट्विन टावर गिरा दिया जाएगा.
नोएडा:

कुतुब मीनार से भी ऊंचा कहा जाने वाला नोएडा का अवैध सुपरटेक ट्विन टावर को रविवार दोपहर को ध्वस्त किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा के 40 मंजिला ट्विन टावरों को 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे विस्फोट कर गिराया जाएगा. धमाके के लिए 3,500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जाएगा. नोएडा के सेक्टर 93बी में स्थित इस ट्विन टावर में 900 से अधिक फ्लैट और 21 दुकानें हैं.

NDTV से बात करते हुए, नोएडा के पुलिस उपायुक्त (यातायात), गणेश शंकर शाह ने यातायात प्रबंधन के लिए प्रशासन की योजना को लेकर कहा कि रविवार को सुबह 7 बजे ट्विन टावरों के आसपास की सड़कों को सील कर दिया जाएगा. टावरों की ओर जाने वाले सभी रास्तों को बैरिकेड्स से बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे भी दोपहर 2:15 बजे बंद कर दिए जाएंगे. वहीं धूल जमने के बाद इन्हें फिर से खोल दिया जाएगा. प्रशासन को उम्मीद है कि एक्सप्रेस-वे महज आधे घंटे के लिए बंद होगा.

डीसीपी शाह ने कहा कि यात्रियों को सुचारू रूप से नेविगेट करने में मदद करने के लिए सभी डायवर्जन को Google मानचित्र पर भी अपडेट किया जाएगा. विस्फोट से 30 मिनट पहले पूरी जांच की जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि सबसे अनुभवी ट्रैफिक पुलिस को ड्यूटी पर लगाया गया है.

नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक ने एडिफ़िस इंजीनियरिंग नाम की एक कंपनी को इसके लिए हायर किया है. इस कंपनी को विदेशों में इसी तरह की बिल्डिंग गिराने का अनुभव है. इस बीच कुछ मंजिलों को ध्वस्त भी किया गया था, ताकि विस्फोट और कंपन अपेक्षाकृत कम तीव्र हो.

एडिफिस इंजीनियरिंग के परियोजना प्रबंधक मयूर मेहता ने एनडीटीवी को बताया कि सभी अंतिम तैयारियां हो चुकी हैं. उन्होंने कहा, "हमने आज प्रत्येक मंजिल पर विस्फोटकों को तार से जोड़ दिया है और 100 मीटर दूर से एक बटन दबाकर उन्हें बंद कर देंगे."

मेहता ने कहा कि विध्वंस के बाद 12-15 मिनट तक धूल रहेगी लेकिन मलबा पास की इमारतों में नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, "भले ही मलबा बिखर जाता है, हमने आवासीय भवनों को एक विशेष प्रकार के कपड़े से ढक दिया है."

भारत में इतनी ऊंची इमारत पहली बार गिराई जाएगी. ये काम दक्षिण अफ्रीका की कंपनी जेट डेमोलिशन के सहयोग से होगा, जो 108 मीटर ऊंची इमारत गिरा चुकी है. सब ठीक रहा तो 9 सेकंड में ये टावर ज़मीदोज़ हो जाएंगे. इसमें 23 फ्लैट बनने थे, वहां करीब 700 फ्लैट बना दिये गए.

ट्विन टावर को तोड़ने में करीब 18 करोड़ का खर्च आएगा. अंदाजा है कि इमारत से करीब 25 हजार टन मलबा निकलेगा. इसके आसपास बनी दूसरी इमारतों को अगर धमाके से कोई नुकसान होता है तो इसकी भरपाई की जाएगी. इसके लिए 102 करोड़ का बीमा कराया गया है. इसीलिए विस्फोट से पहले आसपास की सभी बिल्डिंग की वीडियोग्राफी की गई है. वहीं विस्फोट से होने वाले कंपन को मापने के लिए आईआईटी चेन्नई की एक टीम मौजूद रहेगी.

जानें इससे जुड़ी प्रमुख बातें :-
इस विस्फोट का असर 50 मीटर के दायरे में महसूस किया जाएगा. विशेषज्ञ इस विस्फोट की निगरानी कर रहे हैं. जेट कंपनी के साथ-साथ एडिफिस (पैच) इसे देख रही है. विस्फोट का प्रभाव 50 मीटर में होगा, कंपन 22 मिमी प्रति सेकंड होगी, वहीं पड़ोस की इमारत 300 मिमी कंपन झेल सकती है.

विस्फोट कर टावर गिराए जाने का काम चुनौतीपूर्ण होगा. क्योंकि उसके पास ही मात्र 9 मीटर की दूरी पर दूसरी बिल्डिंग है, जिसमें लोग रहते हैं. पास के एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के 40 पिलर हैं, जो विस्फोट झेलने की हालत में नहीं हैं.

दूसरे टावर्स को ट्विन टावर के मलबे और धूल से बचाने के लिए भी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. विस्फोट से मलबा यहां-वहां ना जाए, इसके लिए टावर के चारों ओर जीओ फाइबर क्लाथ लगाया गया है. वहीं लोहे के एक के ऊपर एक कंटेनर रखकर 30 मीटर ऊंची दीवार खड़ी की गई है.

मलबे की धूल भी आसपास न जाए, इसके लिए कई बड़ी-बड़ी मशीनों से पानी का छिड़काव किया जाएगा. आवासीय टावरों को एक विशेष प्रकार के कपड़े से ढका जा रहा है. यह कपड़ा गैर बुने हुए भू वस्त्र सामग्री से बना है. इस कपड़े के अंदर धूल नहीं जा सकती है.

100 मीटर ऊंचे ट्विन टावर्स गिराने के लिए 28 अगस्त को सुबह 7 बजे 7,000 से अधिक लोगों को एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी खाली करना होगा. साथ ही 2,500 से अधिक वाहनों को हटाया जाएगा. ट्विन टावर जहां एमराल्ड कोर्ट के परिसर में ही बने थे, वहीं एटीएस गांव शहर के सेक्टर 93ए में दूसरी तरफ अवैध ढांचों से लगा हुआ है.

एमराल्ड कोर्ट में लगभग 650 फ्लैट और एटीएस गांव में 450 फ्लैट हैं. एमराल्ड कोर्ट में लगभग 1,200 वाहन हैं और एटीएस गांव में 1,500 वाहन हैं, जिन्हें बाहर ले जाना होगा. इन्हें बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन पर मल्टीलेवल पार्किंग में लगाया जाएगा.

सेक्टर 93ए में ट्विन टावरों के नजदीकी क्षेत्र में लोगों, वाहनों और जानवरों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, जो ट्विन टावरों के करीब है, 28 अगस्त को दोपहर 2.15 बजे से दोपहर 2.45 बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहेगा.

आपातकालीन सेवाओं के लिए आवश्यक फायर टेंडर, एम्बुलेंस आदि को पार्क के पीछे बनी सड़क पर ट्विन टावरों के सामने खड़ा किया जाएगा. किसी तरह की यातायात असुविधा उत्पन्न होने पर यातायात हेल्पलाइन नम्बर 9971009001 पर सम्पर्क किया जा सकता है.

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