पूर्व आईएएस अधिकारी नीरा यादव
नई दिल्ली:
नोएडा प्लॉट आवंटन मामले में दोषी करार पूर्व आइएएस नीरा यादव की जमानत का सीबीआई ने विरोध किया। फ़िलहाल नीरा यादव जेल में ही रहेगी। कोर्ट ने यादव को कहा कि छुट्टियों के दौरान अगर वो चाहे तो ज़मानत के लिए वेकेशन बेंच से जल्द सुनवाई की मांग कर सकती है।
सीबीआई की तरफ से सॉलीसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा यादव को भ्रष्टाचार के मामले में दो अलग-अलग अदालतों से सज़ा मिली है। ये केवल साधारण जमानत का मामला नहीं है। ऐसे में इनको जमानत नहीं दी जा सकती।
वहीं, नीरा यादव की तरफ से पेश हुए एडवोकेट विकास सिंह ने कहा कि ज़मानत पर पहले सुनवाई की जाये क्योंकि याचिकाकर्ता एक महिला है और वृद्ध है। साथ ही ये भी कहा कि वो काफी समय से जेल में बंद है ऐसे में उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
नीरा यादव की तरफ से कहा गया कि उन्होंने भ्रष्टाचार कानून को चुनौती दी है साथ ही कोर्ट से भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(1)(डी) निरस्त करने की मांग की है जिसमें किसी का फेवर करने वाले पब्लिक सर्वेंट को सजा देने का प्रावधान है। विकाश सिंह ने कहा कि ऐसे ही एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राहत मिली है ऐसे में उन्हें भी राहत दी जाये। सुप्रीम कोर्ट जुलाई में अब इस मामले में सुनवाई करेगा।
दरअसल नीरा यादव को सीबीआइ की विशेष अदालत और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार कानून के तहत दोषी ठहराते हुए तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। नीरा ने सजा को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है।
सीबीआई की तरफ से सॉलीसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा यादव को भ्रष्टाचार के मामले में दो अलग-अलग अदालतों से सज़ा मिली है। ये केवल साधारण जमानत का मामला नहीं है। ऐसे में इनको जमानत नहीं दी जा सकती।
वहीं, नीरा यादव की तरफ से पेश हुए एडवोकेट विकास सिंह ने कहा कि ज़मानत पर पहले सुनवाई की जाये क्योंकि याचिकाकर्ता एक महिला है और वृद्ध है। साथ ही ये भी कहा कि वो काफी समय से जेल में बंद है ऐसे में उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
नीरा यादव की तरफ से कहा गया कि उन्होंने भ्रष्टाचार कानून को चुनौती दी है साथ ही कोर्ट से भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(1)(डी) निरस्त करने की मांग की है जिसमें किसी का फेवर करने वाले पब्लिक सर्वेंट को सजा देने का प्रावधान है। विकाश सिंह ने कहा कि ऐसे ही एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राहत मिली है ऐसे में उन्हें भी राहत दी जाये। सुप्रीम कोर्ट जुलाई में अब इस मामले में सुनवाई करेगा।
दरअसल नीरा यादव को सीबीआइ की विशेष अदालत और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार कानून के तहत दोषी ठहराते हुए तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। नीरा ने सजा को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है।
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