- दिल्ली सरकार ने नो पीयूसी नो फ्यूल नियम लागू कर प्रदूषण नियंत्रण के लिए वाहन पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य किया
- नियम लागू होने के बाद पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाने वालों की संख्या दो गुना बढ़ गई है
- दिल्ली में केवल BS-6 मानक वाली बाहरी गाड़ियां प्रवेश कर सकेंगी
'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम लागू होते ही पेट्रोल पंपों पर पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाने वालों की बाढ़-सी आ गई है. प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर लाइनों में वाहन खड़े नजर आ रहे हैं. बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' अभियान गुरुवार से शुरू किया, जिसका असर भी देखने को मिल रहा है. अगर आंकड़े देखें, तो पता चलेगा कि दिल्ली में 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम की घोषणा से पहले यानि सोमवार को 17,719 लोगों ने और मंगलवार को 17,732 लोगों ने अपने वाहनों का PUC सर्टिफिकेट बनवाया. लेकिन जैसे ही सरकार ने मंगलवार को इसकी घोषणा की इसके बाद बुधवार को पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाने वालों की तादात दुगुना हो गई. बुधवार को 31,197 लोगों ने पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाया.
PUC बनवाने वालों की आई बाढ़
- सोमवार 17,719 PUC सर्टिफिकेट
- मंगलवार-17,732 PUC सर्टिफिकेट
- बुधवार को ये बढ़कर 31,197 हो गई
दिल्ली में क्या-क्या पाबंदियां?
दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार कई कदम उठा रही है. इसी के तहत 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम लागू किया गया है. इसके अलावा, दिल्ली में बाहर से आने वाली गाड़ियों में सिर्फ बीएस-6 मानक वाली गाड़ियां ही प्रवेश कर सकेंगी. कंस्ट्रक्शन मटीरियल ले जाने वाले ट्रकों पर बैन जारी रहेगा. दरअसल, ग्रैप के नियमों के तहत निर्माण कार्य पर रोक जारी है और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. राजधानी में प्रदूषण से हालात काफी खराब हैं, जिसके चलते दिल्ली सरकार ने गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण, धूल, कचरा और ट्रैफिक जाम को टारगेट करते हुए इमरजेंसी और लॉन्ग-टर्म उपायों का एक बड़ा सेट घोषित किया है.

इससे पहले, पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को कहा कि सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है, क्योंकि लोग खतरनाक धुंध (स्मॉग) के संपर्क में हैं. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिरसा ने पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसीसी) सिस्टम में पूरी तरह बदलाव, थर्ड-पार्टी मॉनिटरिंग की शुरुआत, पूरे शहर के लिए कार-पूलिंग ऐप, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सुधार और मशीनीकृत सड़क-सफाई उपकरणों की बड़े पैमाने पर तैनाती की घोषणा की. इसके अलावा, सरकार ने ट्रैफिक का बोझ कम करने के लिए सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम भी अनिवार्य कर दिया है. साथ ही, दिल्ली सरकार लाइव डेटा का इस्तेमाल करके ट्रैफिक जाम वाले हॉटस्पॉट की पहचान करने के लिए गूगल मैप्स और मैप इंडिया के साथ पार्टनरशिप पर भी विचार कर रही है.
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