अरुणाचल प्रदेश में सीमा सड़क बनाने की सरकार की योजना पर चीन की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आने पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उसे यह कहते हुए कड़ा संदेश दिया है कि कोई भी भारत को चेतावनी नहीं दे सकता।
उन्होंने हरियाणा के मानेसर में एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा, आज, कोई भी भारत को चेतावनी नहीं दे सकता। हम बहुत ही मजबूत देश हैं। राजनाथ सिंह से चीन के बुनियादी ढांचा विकास की बराबरी करने के लिए अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में माओ-थिंग्बू से तवांग तक मैकमोहन रेखा के समीप सड़क बनाने की योजना पर उसकी (चीन की) कड़ी प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया था। गृहमंत्री ने कहा कि भारत और चीन को सीमा विवाद सुलझाने के लिए मिल-बैठकर बात करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने बीजिंग में कहा था, चीन-भारत सीमा के पूर्वी हिस्से के बारे में विवाद है। अंतिम निस्तारण होने से पहले हम आशा करते हैं कि भारत ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करेगा, जिससे स्थिति और जटिल हो जाए।
सरकार चीन-भारत सीमा के समीप खासकर अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई कदम उठा रही है। दोनों देशों के सीमा प्रहरी 11 सितंबर से करीब एक पखवाड़े तक लद्दाख के चुमार में एक दूसरे के सामने डटे रहे और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की तीन-दिवसीय यात्रा इसी के साए में हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति के समक्ष दो बार यह मुद्दा उठाया। जब चीनी श्रमिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पारकर भारतीय क्षेत्र में पांच किलोमीटर अंदर अपने उपकरण लेकर सड़क बनाने पहुंच गए तब तनाव पैदा हो गया था। दोनों सेनाओं के बीच कई दौर की बातचीत के बाद गतिरोध समाप्त हुआ। गृहमंत्री ने चीन से लगती 3488 किलोमीटर लंबी सीमा की वर्तमान स्थिति और भविष्य में अतिक्रमण रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की मंगलवार को समीक्षा की थी।
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